ये चीजें बनाती हैं कोल्हापुर जगह को और भी खास
कोल्हापुर का नाम कोल्हासुर की एक पौराणिक कहानी से पड़ा है। कोल्हासुर एक राक्षस था, जिसे महालक्ष्मी ने मारा था। पौराणिक मान्याताओं के अनुसार, इस शहर में कोल्हासुर नाम का राक्षस रहता था। यहां रहने वाले लोग उसके अत्याचार से परेशान थे। लोगों ने महालक्ष्मी देवी से प्रार्थना की कि उन्हें उसके अत्याचार से बचाएं। इस प्रार्थना के बाद कोल्हासुर राक्षस और महालक्ष्मी देवी के बीच 9 दिनों तक युद्ध चला, जिसमें कोल्हासुर राक्षस हार गया। तब उसने मां से प्रार्थना की कि इस शहर को उसके नाम से जाना जाए। तब से इस शहर का नाम कोल्हासुर से बदलकर कोल्हापुर रख दिया।
कोल्हापुर पूरे विश्व में अपने हस्तशिल्प के लिए जाना जाता है। खासतौर से कोल्हापुरी चप्पलें बहुत ही प्रसिद्ध हैं। सिंपल स्टाइल, लेदर की क्वालिटी और यूनिक डिजाइन वाली इन चप्पलों को कारीगर हाथों से बनाते हैं। इनके अतिरिक्त कोल्हापुर ज्वेलरी और साडियां भी खूब पॉपुलर हैं। आप कोल्हापुर गए हैं, तो इन चीजों की शॉपिंग के बिना आपकी कोल्हापुर की यात्रा अधूरी है।
कोल्हापुर एक अन्य सांस्कृतिक उत्सव के लिए जाना जाता है, जिसका नाम है रंकाला महोत्सव। यह नगर निगम द्वारा आयोजित किया जाता है। इस महोत्सव में इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को देखने का मौका मिलता है। इस पांच दिवसीय कार्यक्रम में लाइव परफॉर्मेंस , म्यूजिक कंसर्ट, एग्जीबिशन जैसे कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
महालक्ष्मी मंदिर- यह एक शक्तिपीठ है। किंवदंतियों के अनुसार, भाग्य की देवी इस मंदिर में निवास करती हैं।
ज्योतिबा मंदिर – अगला मंदिर ज्योतिबा मंदिर है, जो ब्रह्मा, विष्णु और शिव के अवतार ज्योतिबा के सम्मान में बनाया गया है। यह शहर से 21 किमी दूर स्थित है। त्योहारों के दौरान, इस मंदिर में सैकड़ों भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
कोल्हापुर फूड – कोल्हापुर ने खाने को लेकर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। खाने के शौकीनों का यह परफेक्ट अड्डा है। इस शहर को न सिर्फ़ शाकाहारी बल्कि मांसाहारी भोजन बनाने की कला में महारथ हासिल है। यदि आप मांसाहारी हैं, तो तंबाड़ा और पंधारा रस का स्वाद जरूर लें। शाकाहारी लोग खासबाग मैदान के राजा भेल, शाम चा वड़ा में कोल्हापुरी भेल, मिसल-पाव और वड़ा-पाव का स्वाद ले सकते हैं। सूर्यास्त के बाद, रंकाला झील के किनारे चौपाटी पर कई फूड स्टॉल्स पर जाकर डिशेज की भिन्न-भिन्न वैरायटी ट्राई कर सकते हैं।
बेशक आपको दंगल देखने का शौक हो या नहीं, लेकिन आपको कोल्हापुर का दंगल जरूर देखना चाहिए। याह महाराष्ट्र की पहचान है। कोल्हापुर में भारतीय कुश्ती का हब है। कई अखाड़े हैं जहां हर सुबह और शाम को कुश्ती मैच आयोजित किए जाते हैं। महालक्ष्मी मंदिर के पास मोतीबाग अखाड़ा घूमने के लिए एक अच्छी स्थान है।