पत्ते में मिलती है ये अनोखी मिठाई, स्वाद ऐसा कि पत्ता चाटने लगते हैं लोग
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले की बाल मिठाई तो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है ही, लेकिन आज हम आपको यहां की एक और ऐसी मिठाई के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी दीवानगी बाल मिठाई से जरा भी कम नहीं है। हम बात कर रहे हैं सिंगौड़ी की। यह मिठाई सही खोया से बनाई जाती है और इसमें चीनी के अतिरिक्त कुछ और नहीं मिलाया जाता। हालांकि अब कई दुकानदार इसमें ड्राई फ्रूट्स भी डालने लगे हैं। इसका टेस्ट ऐसा होता है कि आप बाकी मिठाई भूल जाते हैं। सिंगौड़ी के लिए मालू के पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है। मिठाई को इसी पत्ते में भरा जाता है और कोन शेप में तैयार किया जाता है। अल्मोड़ा की प्रसिद्ध मिठाई की दुकान खीम सिंह मोहन सिंह के अतिरिक्त अन्य दुकानों पर भी यह मिठाई मिल जाएगी। इसकी मूल्य 380 रुपये किलो है। क्षेत्रीय लोगों के साथ बाहर से आने वाले पर्यटक भी सिंगौड़ी अपने साथ लेकर जाते हैं।
कोलकाता से आए पर्यटक प्रशांत ने बोला कि उन्होंने खीम सिंह मोहन सिंह के वहां से सिंगौड़ी का स्वाद चखा। यह मिठाई बहुत टेस्टी है। इस मिठाई की खास बात यह है कि बहुत ही कम मीठा इसमें मिक्स किया जाता है। जिस ढंग से पहले मिठाइयों में टेस्ट था,वह टेस्ट अब कम जगहों पर देखने को मिलता है, पर यहां पर वह टेस्ट अभी भी बरकरार है। इस मिठाई को वह कोलकाता भी लेकर जा रहे हैं।
सबसे अलग है अल्मोड़ा की सिंगौड़ी
दिल्ली के अमितेश ने बोला कि वह अल्मोड़ा घूमने हैं और यहां की प्रसिद्ध बाल मिठाई के साथ पत्ते वाली मिठाई सिंगौड़ी भी लेकर जा रहे हैं। इसमें चीनी की मात्रा बहुत कम है और इसमें नारियल का फ्लेवर भी आता है। जिसका स्वाद सबसे अलग है। उन्होंने खीम सिंह मोहन सिंह की दुकान से बाल मिठाई और सिंगौड़ी खरीदी है। उनका मानना है कि वह अल्मोड़ा के अतिरिक्त अन्य जगहों में भी अपने छोटे स्टोर खोल सकते हैं, जिससे लोगों को यहां का स्वाद अन्य जगहों पर भी मिलेगा।
गर्मियों में भी शीघ्र नहीं होती खराब
जिला मिष्ठान विक्रेता संघ के अध्यक्ष मनोज सिंह पवार ने बोला कि अल्मोड़ा की बाल मिठाई के साथ यहां की चॉकलेट और सिंगौड़ी भी काफी प्रसिद्ध है। इसे बनाने के लिए सही खोया का प्रयोग किया जाता है और इसमें चीनी के अतिरिक्त कई दुकानदार ड्राईफ्रूट्स भी डालते हैं। सिंगौड़ी को भरने के लिए मालू के पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है, जो इसके स्वाद को और भी बढ़ा देता है। ठंड के समय में यह मिठाई 3 से 4 दिन चल जाती है और गर्मियों के समय में 1 से 2 दिन इसकी गुणवत्ता बनी रहती है। इसकी मूल्य ₹380 किलो है।