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UPSC CSE टॉपर : संगमनगरी की वरदाह खान को मिली 18वीं रैंक

 संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा 2023 का आखिरी रिज़ल्ट मंगलवार को जारी कर दिया. इसमें संगमनगरी के होनहारों ने अपनी मेधा की चमक बिखेरी है. संगमनगरी से चयनित अभ्यर्थियों की संख्या तकरीबन एक दर्जन के आसपास है. कटघर मुट्ठीगंज की रहने वाली वरदाह खान ने 18वीं रैंक हासिल कर संगमनगरी का सिर एक बार फिर गर्व से ऊंचा कर दिया है.

वरदाह खान ने 10वीं की पढ़ाई 2015 में (91 फीसदी अंक) सेंट मेरीज कॉन्वेंट विद्यालय से पूरी करने के बाद 12वीं की परीक्षा केंद्रीय विद्यालय ओल्ड कैंट से 95 फीसदी अंकों के साथ 2017 में पास की थी. इसके बाद खालसा कॉलेज दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम ऑनर्स करने के बाद वह संघ लोक सेवा आयोग की तैयारी भी करती रहीं. उनके पिता अब्दुल रहमान का नौ साल पहले मृत्यु हो गया था. वर्तमान में वह अपनी मां अधिकारी जहां के साथ नोएडा के सेक्टर-82 विवेक विहार में रह रहीं हैं. उनकी मां केंद्रीय विद्यालय ओल्ड कैंट में टीजीटी गणित की शिक्षिका थीं और 2018 में गोल बाजार दिल्ली ट्रांसफर हुआ था. वरदाह इकलौती बेटी हैं.

पहले नौकरी, फिर तैयारी और दूसरे कोशिश में मिली सफलता

वरदाह ने दूसरे कोशिश में 18वीं रैंक हासिल की है. उन्होंने बीकॉम के बाद आठ महीने तक एक कंपनी में जॉब की. उसके बाद सबकुछ छोड़कर तैयारी में जुट गईं. उन्होंने राय दी है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए एनसीईआरटी पुस्तकों को बार-बार पढ़कर विषय को अच्छी तरह से समझ लें. मुख्य परीक्षा के लिए वैकल्पिक विषय के नोट्स तैयार रखें. समसामयिक घटनाचक्र के लिए समाचार पत्र और मासिक मीडिया जरूर पढ़ें.

बेटियों का कीर्तिमान

संगमनगरी की बेटी वरदाह खान ने संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में 18वां जगह पाकर संगमनगरी का मान फिर से बढ़ाया है. इससे पहले भी बेटियों ने राष्ट्र की सबसे बड़ी परीक्षा में बहुत बढ़िया कामयाबी हासिल कर शहर को गौरवान्वित किया है. सौम्या पांडेय को 2016 के रिज़ल्ट में अखिल भारतीय स्तर चौथी रैंक मिली थी. ईवा सहाय ने 2009 में तीसरी रैंक हासिल कर पूरे राष्ट्र में नाम रोशन किया था. पिछले वर्ष धनैचा-मलखानपुर हनुमानगंज की प्रतीक्षा सिंह को तीसरे कोशिश में 52वीं रैंक मिली थी.

वरदाह बताती हैं कि उन्होंने घर पर रहकर ही पढ़ाई की है. वह प्रतियोगी परीक्षा से जुड़ी किताबें, अंग्रेजी और हिंदी के समाचार पत्र पढ़ने के साथ औनलाइन कोचिंग के जरिए तैयारी कर रहीं थीं. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के लिए दिन में पांच से अधिक घंटे पढ़ाई की. यह उनका दूसरा कोशिश था. वरदाह बताती है कि उनकी रूचि विदेश सेवा में है. वह आईएफएस बनना चाहती हैं.

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