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अनियमित ‘पीरियड’ पर क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र

Astro Upay: आज अधिकतर स्त्रियों में ‘पीरियड’ यानी मासिक धर्म में अनियमिता एक बड़ी परेशानी बन चुकी है. अनियमित पीरियड का का असर न सिर्फ़ उनके स्वास्थ्य बल्कि उनके काम पर भी नकारात्मक असर डालता है. मेडिकल साइंस के मुताबिक, हार्मोन की प्रॉब्लम, लाइफस्टाइल में बदलाव, तनाव, खानपान आदि इसकी मुख्य वजह हैं. वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, स्त्रियों के पीरियड पर चंद्रमा और मंगल ग्रह का सबसे अधिक असर पड़ता है.

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, चंद्रमा शरीर के फ्लूड (Fluid) यानि ‘द्रव’ का कारक है, जबकि मंगल ‘रक्त’ (Blood) का अगुवाई करता है. जब कुंडली में चंद्रमा छठे, आठवें या 12वें रेट (घर) में होता है और उस पर राहु और केतु जैसे पापी ग्रह और मंगल और शनि जैसे क्रूर ग्रहों की दृष्टि होती है, तब अनियमित मासिक धर्म की परेशानी पैदा होती है. वहीं जब चंद्रमा इनमें से किसी भी दो ग्रह से प्रभावित होता है, तब स्त्रियों को अनियमित पीरियड की परेशानी से जूझना पड़ता है.

 

अनियमित ‘पीरियड’ के लिए ज्योतिष उपाय

सफेद मोती: अनियमित पीरियड चंद्रमा के दूषित से होने होता है. कुंडली में चंद्रमा को मजबूत करके अनियमित पीरियड और इससे जुड़ी रोंगों और समस्याओं से बचा जा सकता है. ज्योतिष तरीका के तौर सफेद मोती पहनने से चंद्रमा मजबूत होता है. सही सफेद मोती मौजूद नहीं हो, तो ‘मून स्टोन’ धारण करने से भी लाभ होता है.

लाल मूंगा: कुंडली में मंगल की स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण पीरियड के दौरान अधिक रक्तस्राव होता है. मंगल को मजबूत करने के लिए लाल मूंगा रत्न पहनना काफी लाभ वाला होता है.

चंद्र यंत्र: चंद्रमा को बली यानि स्ट्रांग बनाने के चंद्र यंत्र भी धारण किया जाता है. इसे सोमवार के दिन चंद्रमा की होरा और नक्षत्र के मुताबिक धारण किया जाता है. बता दें, जब कोई शुभ मुहूर्त नहीं होता है और कार्य करना महत्वपूर्ण होता है, तब इसके लिए ज्योतिष शास्त्र में होरा चक्र के विधान के मुताबिक कार्य किया है.

 

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