चैत्र नवरात्रि से क्या है भगवान राम का नाता, जानें यहाँ…
पूरे राष्ट्र में नवरात्रि की तैयारियां तेजी के साथ चल रही है। सनातन धर्म में नवरात्रि का पर्व बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा आराधना करने का विधान है। बोला जाता है कि नवरात्रि के दिनों में माता दुर्गा धरती पर निवास करती हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक वर्ष में 4 बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। जिसमें एक चैत्र नवरात्रि दूसरा शारदीय नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि का पर्व होता है। तो चलिए इस रिपोर्ट में जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि से प्रभु राम का क्या संबंध है?
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की आरंभ होती है। इस वर्ष चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल को देर रात 11 बजकर 50 मिनट से प्रारम्भ होगी। ये तिथि अगले दिन यानी 09 अप्रैल को संध्याकाल 08 बजकर 30 मिनट पर खत्म होगी। उदया तिथि के मुताबिक 09 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि की आरंभ होगी। जिसका समाप्ति 17 अप्रैल रामनवमी के दिन होगा। वहीं चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 23 मिनट पर प्रारम्भ होगी और अगले दिन यानी 17 अप्रैल को दोपहर 03 बजकर 14 मिनट पर खत्म होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है। अतः 17 अप्रैल को राम नवमी मनाई जाएगी।
चैत्र नवरात्रि से ईश्वर राम का नाता
अब आपके मन में यह प्रश्न चल रहा होगा कि चैत्र नवरात्रि से रामनवमी का क्या संबंध है | पंडित कल्कि राम बताते हैं कि चैत्र नवरात्रि में नवमी तिथि के दिन ईश्वर राम का जन्म हुआ था। हिंदू धर्म में मान्यता है कि चैत्र माह की शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि को ईश्वर विष्णु ने प्रभु श्री राम के रूप में धरती पर अपना सातवां अवतार लिया था। ईश्वर राम के जन्म से पहले भी चैत्र नवरात्रि का पर्व मनाया जाता था। जिस दौरान देवी मां की उपासना की जाती थी लेकिन जब चैत्र माह में प्रभु राम का जन्म हुआ तो देवी के साथ-साथ प्रभु राम की भी पूजा आराधना करने का प्रचलन प्रारम्भ हो गया और रामनवमी के दिन चैत्र नवरात्रि का समाप्ति भी किया जाता है। इस वजह से रामनवमी और चैत्र नवरात्रि दोनों पर्व एक दूसरे से मुख्य रूप से जुड़े हुए हैं।