शादियों के सीजन में महिलाएं इन चूड़ियों को करती हैं ज्यादा पसंद
फिरोजाबाद में कांच के कारखानों में कांच की सैकड़ों तरह की चूड़ियां तैयार होती हैं। जिनमें चौपेला और पनाली चूड़ियां तेजी से तैयार हो रही है। इनके चलते चाइनीज कांच से बनने वाले कंगनों की डिमांड कम हो गई है और महिलाएं इन चूड़ियों को अधिक पसंद कर रही है। वहीं इनकी मूल्य भी चाइनीज कांच से कम है।
चूड़ी का कारखाना और गोदाम चलाने वाले दुकानदार अभिषेक शर्मा ने कहा कि फिरोजाबाद में कुछ समय पहले चाइनीज बोरोशिल कांच से तैयार होने वाले कंगन की डिमांड खूब हो रही थी। लेकिन अब शादियों का सीजन प्रारम्भ होते ही महिलाएं चौपेला और पनाली कांच से तैयार होने वाली चूड़ियों की डिमांड कर रही है जो फिरोजाबाद की स्वदेशी कांच की चूड़ी है। इससे पहले चाइनीज कांच के आने से बाजार में महिलाएं बोरोशिल कांच से तैयार होने वाले कड़ों को अधिक पसंद कर रही थी।
इनकी चमक सबसे अलग है
लेकिन अब बाजार में तेजी से इन चूड़ियों की डिमांड हो रही है। जिसके चलते कारखाने में भी काम पहले से बढ़ गया है और अधिक संख्या में चूड़ियों को तैयार किया जा रहा है। इन चूड़ियों की ख़ास बात यह है कि इनकी चमक और खनक सबसे अलग है। इन चूड़ियों की खरीदारी के लिए महिलाएं खूब डिमांड कर रही हैं और शादियों में पहनने के लिए इन्हें खूब खरीदा जा रहा है।
चाइनीज कांच को भिड़न्त दे रही हैं ये चूड़ियां
चूड़ी व्यापारी अभिषेक शर्मा ने कहा कि राष्ट्र की सबसे बड़ी चूड़ी बाजार फिरोजाबाद के इमामबाड़ा में अभी तक बोरोसिल कांच से तैयार होने वाले कड़े बाजार में डिमांड में थे। लेकिन अब उनकी डिमांड काम हो गई है और फिरोजाबाद में स्वदेशी कांच से तैयार होने वाले चूड़ियों की डिमांड अधिक हो रही है। जिनकी मूल्य बोरोसिल कड़ों से कम है। जहां बोरोसिल कांच 50 रूपए तक बाजार में बिकता है तो वहीं इन स्वदेशी चूड़ियों के पैकेट 30 रूपए तक बाजार में बिक रहे हैं।