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अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री पर लगाए ये आरोप

अशोक गहलोत के पूर्व विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) लोकेश शर्मा ने राजस्थान के पूर्व सीएम पर कई इल्जाम लगाए. शर्मा, जिनसे गैरकानूनी टेलीफोन टैपिंग मुद्दे में पूछताछ की गई थी, ने इल्जाम लगाया कि गहलोत ने उन्हें कैबिनेट मंत्रियों की ऑडियो क्लिप दी थी, और उनसे उन्हें मीडिया में जारी करने के लिए बोला गया था.

जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोकेश शर्मा ने कहा, ”फोन टैपिंग मुद्दे में दिल्ली में अपराध ब्रांच द्वारा कई बार 8-9 घंटे की गहन पूछताछ के बावजूद मैं अब तक चुप था लेकिन जो आदमी टेलीफोन टैपिंग के लिए उत्तरदायी था” इस घटना ने मुझे अधर में छोड़ दिया और मुझे इसका खामियाजा भुगतना पड़ा.” शर्मा ने दावा किया कि गहलोत ने उन्हें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अन्य की टेलीफोन रिकॉर्डिंग दी.

लोकेश शर्मा ने इल्जाम लगाया “पहले, मैंने बोला था कि मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से रिकॉर्डिंग मिली थी, लेकिन यह सच नहीं था. अशोक गहलोत ने मुझे एक पेन ड्राइव में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कांग्रेस पार्टी नेता भंवरलाल शर्मा और संजय जैन की ऑडियो क्लिप दी थी. मैं इसे मीडिया में जारी करने के लिए बोला गया.

उन्होंने आगे दावा किया कि सचिन पायलट और उनके करीबी लोगों के टेलीफोन तब टैप किए गए जब यह पता चला कि वे अशोक गहलोत के नेतृत्व की समस्याओं को लेकर कांग्रेस पार्टी आलाकमान के पास जा रहे थे.

शर्मा ने कहा “यह बोलना गलत है कि अशोक गहलोत की गवर्नमेंट को गिराने की प्रयास के पीछे बीजेपी का हाथ था. सचिन पायलट राज्य नेतृत्व के बारे में अपनी भावनाओं को पार्टी आलाकमान तक पहुंचाना चाहते थे. जब वह और उनके करीबी लोग आलाकमान से मिलने जाने की योजना बना रहे थे आदेश, उनके टेलीफोन टैपिंग पर डाल दिए गए. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, शर्मा ने अशोक गहलोत के साथ अपनी वार्ता की एक कथित रिकॉर्डिंग चलाई, जहां उन्होंने (गहलोत) उनसे टेलीफोन रिकॉर्डिंग के बारे में पूछा.

कथित रिकॉर्डिंग में, गहलोत ने शर्मा से पूछा कि क्या वह टेलीफोन नष्ट हो गया है जिसके माध्यम से रिकॉर्डिंग मीडिया को भेजी गई थी या नहीं, और शर्मा ने अशोक गहलोत से बोला कि उन्होंने मीडिया को कहा था कि उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से ऑडियो रिकॉर्डिंग प्राप्त हुई थी.

शर्मा ने कहा ”उन्हें (गहलोत) लगा कि मैंने टेलीफोन नष्ट नहीं किया है 26 नवंबर 2021 को मेरे कार्यालय पर एसओजी की छापेमारी हुई थी यह हमारे पूर्व सीएम की सच्चाई है कि कैसे वह अपने लाभ के लिए लोगों का इस्तेमाल करते हैं और फिर उन्हें छोड़ देते हैं अकेले. रिकॉर्डिंग में मेरी कोई भागीदारी नहीं थी, चाहे वह वैध हो या अवैध, पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने रिकॉर्डिंग की और मुझे एक पेन ड्राइव में दी.

शर्मा ने दावा किया कि सचिन पायलट के राजस्थान के सीएम बनने की संभावनाओं को विफल करने की प्रयास के पीछे अशोक गहलोत थे. शर्मा ने कहा “यह राजस्थान में अशोक गहलोत की जिद है जो सोचते हैं कि उनके अतिरिक्त कोई भी राज्य का सीएम नहीं बने. अशोक गहलोत ने कांग्रेस पार्टी आलाकमान को भी विश्वासघात दिया जिन्होंने उनका समर्थन किया था. अशोक गहलोत जैसलमेर में तनोट माता मंदिर में गए थे उन्होंने मुझे टेलीफोन करके यह सुनिश्चित करने के लिए बोला कि यह समाचार दिखाई जाए कि जो विधायक शांति धारीवाल के आवास पर एकत्र हुए हैं, वे उनमें से किसी को सीएम बनाना चाहते हैं, लेकिन सचिन पायलट को नहीं.

शर्मा ने एक अन्य टेलीफोन रिकॉर्डिंग भी चलाई, यह राजस्थान पेपर लीक के संबंध में गहलोत और शर्मा के बीच कथित वार्ता के बारे में थी. लोकेश शर्मा ने इल्जाम लगाया, ”अशोक गहलोत पेपर लीक मुद्दे में कार्रवाई करने को लेकर बहुत आशंकित थे. आरोपी डीपी जारोली के विरुद्ध कार्रवाई को किसी तरह से समाप्त करने की प्रयास की गई थी.

शर्मा ने कहा, “मेरे पास जो सबूत हैं, मैं उन्हें मौजूदा गवर्नमेंट के साथ साझा करने के लिए तैयार हूं. राज्य के लोगों को (पूर्व) गवर्नमेंट के दो चेहरों को जानना चाहिए, एक खुले में और एक पर्दे के पीछे.” लोकेश शर्मा ने आगे दावा किया कि कांग्रेस पार्टी शासन के दौरान बड़े पैमाने पर करप्शन हुआ था जब अशोक गहलोत शीर्ष पर थे.

शर्मा ने इल्जाम लगाया कोविड-19 महामारी के दौरान उपकरणों की खरीद में बड़े पैमाने पर करप्शन हुआ. खनन भ्रष्टाचार हुआ. ग्रामीण और शहरी खेलों में घोटाले हुए. स्त्रियों को मोबाइल टेलीफोन वितरित करने की योजना में (अशोक गहलोत के कार्यकाल में) भ्रष्टाचार हुआ.

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