इंदौर में आश्रम में बच्चों के गुम होने की घटना के पश्चात् अवैध बाल गृह को जिला प्रशासन ने किया सील
इंदौर: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गैरकानूनी रूप से चल रहे बाल आश्रम में बच्चों के गुम होने की घटना के पश्चात् इंदौर जिला प्रशासन ने शुक्रवार देर रात इंदौर के विजयनगर थाना स्थित स्कीम नंबर 74 में बिना डॉक्यूमेंट्स चला रहे गैरकानूनी बालगृह को सील कर दिया। यह आश्रम वात्सल्यपुरम बाल आश्रम संस्था के नाम से स्कीम नंबर 74 में 3 वर्षों से संचालित किया जा रहा था। कार्रवाई के चलते यहां कई कमियां मिलीं। जिला प्रशासन ने इस आश्रम को सील कर दिया। वहीं आश्रम में रह रहे सभी बच्चों को दूसरे जगह पर स्थानांतरित किया गया। देर रात जिला प्रशासन की टीम ने पुलिस के साथ आश्रम को सील किया। मौके पर मौजूद 21 बच्चियों को मुरई मोहल्ला स्थित शासकीय बालिका आश्रम भेजा गया है। सभी की उम्र 7 से 15 वर्ष बताई जा रही है।
शुक्रवार देर रात जिला प्रशासन की टीम जब मौके पर पहुंची तो वहां कुछ केयरटेकर मौजूद थे। वह संस्था के पंजीयन संबंधित कोई भी डॉक्यूमेंट्स प्रस्तुत नहीं कर पाए। वहीं संस्था के रिकॉर्ड में 25 बालिकाओं की समाचार मौजूद थी मगर मौके पर 21 बच्चियां मिली। आश्रम संचालक ने कहा कि एक बालिका बीमार है, ऐसे में वह अपने घरवालों के साथ घर गई हुई है। वहीं कुछ बालिकाओं को मोबाइल नंबर लगाने पर उनके घरवालों ने टेलीफोन नहीं उठाया, जो की शंक के दायरे में है। अब जिला प्रशासन मुद्दे में आगे की तहकीकात कर रहा है।
बाल आश्रम संचालित करने वाली संस्थाओं को जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 41 के अनुसार पंजीयन करवाना होता है। जितने भी बच्चे आश्रम में रहते हैं उसकी समाचार वक़्त-वक़्त पर स्त्री बाल विकास, बाल कल्याण एवं पुलिस को देनी होती है। किन्तु बाल आश्रम संचालित करने वाली संस्था द्वारा यह समाचार इनमें से किसी विभागों को दी गई थी या नहीं इसकी जिला प्रशासन द्वारा तहकीकात की जा रही है। वहीं भोपाल मुकदमा के बाद पुलिस इस पूरे मुद्दे को गंभीरता से ले रही है। जिला प्रशासन लगातार शहर के अन्य आश्रमों में भी अब तहकीकात कर रहा है तथा गैरकानूनी बालगृहों पर एक्शन लिया जा रहा है।