इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट की SBI को फटकार, कहा…
नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने इलेक्टोरल मुद्दे में आज फिर एक बार सुनवाई की है. सुनवाई करने वाले पांच जजों की संविधान पीठ में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के अतिरिक्त जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिसरा शामिल रहें. इलेक्टोरल बॉन्ड पर उच्चतम न्यायालय ने भारतीय स्टेट बैंक को फटकार लगते हुए बोला भारतीय स्टेट बैंक से सभी विवरण का खुलासा करने को बोला गया था और इसमें इलेक्टोरल बॉन्ड की संख्या भी शामिल थी.
सुप्रीम न्यायालय का बोलना है कि भारतीय स्टेट बैंक को विवरण का खुलासा करने में चयनात्मक नहीं होना चाहिए.सुप्रीम न्यायालय का बोलना है कि वे चाहते हैं कि भारतीय स्टेट बैंक के पास इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जो भी जानकारी है वे सारी जानकारी सार्वजनिक की जाए.
सुप्रीम न्यायालय ने शुक्रवार को चुनावी बाॅन्ड के अल्फ़ान्यूमेरिक कोड का खुलासा न करने पर एसबीआई (एसबीआई) को नोटिस जारी किया था.
सुप्रीम न्यायालय ने अपने 15 फरवरी के आदेश में बोला था, “एसबीआई को सियासी दलों द्वारा भुनाए गए प्रत्येक चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करना होगा जिसमें भुनाने की तारीख और चुनावी बांड का मूल्य शामिल होगा. एसबीआई इस निर्णय की तारीख से तीन हफ्ते के भीतर 6 मार्च 2024 तक उपरोक्त जानकारी ईसीआई को प्रस्तुत कर दी थी.
पाँच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को साल 2018 में प्रारम्भ की गई चुनावी बांड योजना को गैरकानूनी करार दिया और एसबीआई को तुरन्त इन्हें जारी करने से रोकने का आदेश दिया.
SBI ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा जारी करते हुए कहा था की उपरोक्त डेटा 1 अप्रैल 2019 और 15 फरवरी 2024 के बीच खरीदे और भुनाए गए बांडों के संबंध में है.”एसबीआई ने कहा कि 1 अप्रैल 2019 और 15 फरवरी 2024 के बीच कुल 22,217 बांड खरीदे गए और सियासी दलों द्वारा 22,030 बांड भुनाए गए.