इस देश ने तीन तलाक के अभिशाप से मुस्लिम महिलाओं को किया मुक्त
News18 Rising Bharat Summit 2024: मीडिया के लोकप्रिय लीडरशिप कॉन्क्लेव राइजिंग हिंदुस्तान सम्मेलन में पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े राजनेता और इण्डिया फाउंडेशन के अध्यक्ष डाक्टर राम माधव ने हिंदुत्व को गाली देने वालों को करारा उत्तर दिया। साथ ही यह भी कहा कि हिंदुत्व वाली गवर्नमेंट ने ही इस राष्ट्र में तीन तलाक के अभिशाप से मुसलमान स्त्रियों को मुक्त किया और फिर भी इसे राक्षस बोला गया।
राम माधव ने आगे बोला कि राष्ट्र में हिंदुत्व वाली गवर्नमेंट ने उज्जवला योजना में लाखों स्त्रियों को गैस सिलेंडर दिए, क्या उस वक्त ये पूछा गया कि आपकी जाति कौन सी है? आपका धर्म कौन सा है? आज प्रोफेशनल क्रिटिक्स का अपना बाजार है और इसी के अनुसार हिंदुत्व को दानव प्रोजेक्ट किया जाता है। हिंदुत्व को मानने वालों को फासिस्ट, कम्यूनल तक कहा जाता है।
हिंदुत्व गलत है तो महात्मा गांधी थे पहले हिंदू।।
हिंदुत्व की ये क्वालिटी है कि इसमें छूट है, चाहे कोई प्रोफेशनल क्रिटिक ही क्यों न हो। इसके अतिरिक्त यदि कुछ भी गलत हो रहा है तो लोग इस पर प्रश्न उठा सकते हैं। गांधी जी ने भी बोला है, सनातन धर्म, हिंदु धर्म में लगातार सुधार होना चाहिए। रावण ग्रेट हिंदु था लेकिन बुराई के चलते उसका भी विरोध हुआ और मारा गया। देखिए जहां महत्वपूर्ण है वहां उसका विरोध हो वह ठीक है लेकिन किसी ग्रुप को ब्रांड करके आप कहें कि आप हिंदुत्व को मानते हैं इसलिए आप गलत ही हैं। इसलिए हिंदुत्व खराब है, तो यह चीज ठीक नहीं है और यही किया जा रहा है। ब्रांड हिंदू कहकर बदनाम किया जा रहा है।
जो हिंदुत्व नहीं मानते वहां भी बुरे लोग हो सकते हैं। वहां भी खराबियां हो सकती हैं। ये राजनीति नहीं है, राष्ट्रवाद की आत्मा है। यदि ये पॉलिटिक्स है तो महात्मा गांधी पहले व्यक्ति थे जिन्होंने बोला था कि मैं पहला सनातनी हिंदू हूं। यह हमारे राष्ट्र का वैल्यू सिस्टम है।
लोग इसलिए करते हैं हिंदुत्व का विरोध।।
डॉ। राम माधव आगे कहते हैं कि लोगों को कुछ मिसअंडरस्टैंडिंग हैं। लोगों को लगता है कि हिदुइज्म बहुत लिबरल है और हिंदुत्व बहुत कट्टर है, हिंदुत्व असल में हिंदुइज्म ही है जो प्रेक्टिस में है। यह समय के साथ अपने आप को अपडेट भी कर रहा है, यही हिंदुत्व है और इससे अलग कुछ नहीं है। जो लोग हिंदुत्व की निंदा करते हैं वे इसलिए नहीं करते कि यह उन्हें समझ में नहीं आ रहा, बल्कि उनका नौकरी ही निंदा करना है या करते रहने के लिए है।
क्या कहे लेखक और आलोचक पवन वर्मा?
वहीं समिट में उपस्थित राम माधव पर प्रश्न खड़े कर रहे जाने माने चिंतक, राजनेता और लेखक पवन वर्मा ने बोला कि मेरे पास हिंदुत्व शब्द के विरुद्ध कुछ नहीं है। मैं इस बौद्धिकता की प्रशंसा करता हूं। सैद्धांतिक रूप से मैं हिंदुत्व शब्द के विरुद्ध नहीं हूं लेकिन हिंदुइज्म के ठेकेदारों और पॉलिटिक स्प्रिट ने जो किया है, कि क्या पहनना है, मंदिर कितने बार जाना है, क्या खाना है, कैसे रहना है, यह जो किया जा रहा है, वह हिंदुत्व को खत्म करने जैसा है। आपको इन थ्रेट्स या धमकियों के प्रति विजिलेंट रहने की आवश्यकता है। मुझे लगता है कि जब आप हिंदुत्व को पूरी तरह से सियासी टूल की तरह प्रयोग करते हैं तो यह वह हिंदुत्व नहीं रह जाता है, जिसे हम मानते हैं, या जिससे जुड़े होने पर गर्व करते हैं या जिसकी हम पूजा करते हैं, बल्कि यह समाज को बांटने वाला टूल बन जाता है। यह अत्याचार फैलाता है। और यह ऐसे लोगों की फौज तैयार कर रहा है जो हिंदुत्व पर एक पेज नहीं लिख सकते लेकिन इसके रक्षक बने हुए हैं। वे स्वयं ही कानून बन गए हैं।
मेरी विचार में रूलिंग पार्टी बजरंग दल जैसों को प्रयोग करके शॉर्ट टर्म में पॉलिटिकल गोल्स हासिल करती है। और फिर दूरी भी बना लेती है। लेकिन इससे हिंदुत्व की गहराई, उसके सार को हानि पहुंच रहा है। मुझे लगता है ये गलत है।’