ओपन स्कूल से 12वीं की पढ़ाई करने वाले छात्रों को सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत
Neet Exam: ओपन विद्यालय से 12वीं की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को उच्चतम न्यायालय ने बड़ी राहत दी है। अब ऐसे विद्यार्थी भी चिकित्सक बनने का सपना पूरा कर सकते हैं। उच्चतम न्यायालय ने बोला कि सेंट्रल सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड (सीबीएसई) और राज्य एजुकेशन बोर्ड से मान्यता प्राप्त ओपन विद्यालय अब नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यानी नीट के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएससी) द्वारा मान्यता प्राप्त होंगे, यानी अब मान्यता प्राप्त ओपन विद्यालयों से 12वीं पास करने वाले विद्यार्थी भी नीट परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
लाखों विद्यार्थी पूरा कर सकेंगे चिकित्सक बनने का सपना
मेडिकल काउंसिल ऑफ इण्डिया (एमसीआई) ओपन विद्यालय विद्यार्थियों को नीट एग्जाम में शामिल होने की परमिशन देने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के एक निर्णय के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय गयी थी, लेकिन इस मुद्दे में उच्चतम न्यायालय ने विद्यार्थियों के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए उन्हें मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम यानी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) में शामिल होने पर मुहर लगा दी। उच्चतम न्यायालय का यह निर्णय उन लाखों विद्यार्थियों के लिए बड़ी समाचार है, जो आर्थिक तंगी या अन्य किसी कठिनाई के चलते रेगुलर पढ़ाई नहीं कर पाते और उनका चिकित्सक बनने का ख्वाब, महज स्वप्न बनकर ही रह जाता है।
सालों पहले लगायी गयी थी रोक
मेडिकल काउंसिल ऑफ इण्डिया (एमसीआई) ने 1997 के रेगुलेशन ऑन ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन के खंड 4 (2) ए के प्रावधानों के मुताबिक, ऐसे उम्मीदवारों को नीट एग्जाम में शामिल होने से रोक दिया था। फिर वर्ष 2018 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस प्रावधान को गैरकानूनी बताते हुए इसे रद्द कर दिया था। एमसीआई के इस प्रावधान को रद्द करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस चंद्रशेखर की पीठ ने बोला था कि मेडिकल ने इस धारणा को आगे बढ़ाया है कि जो विद्यार्थी आर्थिक तंगी और परेशानियों और अन्य सामाजिक कारणों से रेगुलर विद्यालय नहीं जा पाते हैं, वे अन्य विद्यार्थियों की तुलना में हीन और कम योग्य हैं।