कौन-कौन से स्वदेशी हथियार दिखायेंगे ताकत, PM मोदी भी होंगे शामिल
Operation Bharat Shakti: हिंदुस्तान को सामरिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने की मोदी गवर्नमेंट की मुहीम बडी तेजी से आगे बढ़ रही है। पोखरण में तीनों सेना ने ‘भारत शक्ति’ एक्सरसाइज प्रारम्भ किया है। सेना में शामिल किए जा रहे हथियार स्वदेशी हथियारों की मारक क्षमता और ताकत देखने स्वयं पीएम मोदी मंगलवार, 12 मार्च को पोखरण फायरिंग रेंज पहुंच रहे हैं। पीएम के आगमन पर सेना के तीनों अंगों के स्वदेशी हथियारों से 50 मिनट तक अंधाधुन्ध गोलीबारी करेंगे।
इसमें लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचंड, लाइट यूटिलिटी हैलिकॉप्टर (ALH) ध्रुव, नौ-सेना की लाइट वेट टॉरपीडो, पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर, युद्धक टैंक टी (T 90), अर्जुन टैंक, स्व-चालित होवित्जर के-9 (K-9) वज्र, धनुष, सारंग तोपें, लॉयटरिंग म्यूनिशन सहित सर्वत्र और अत्याधुनिक ड्रोन और यूएवी सहित रोबोटिक डॉग ‘म्यूल’ भी युद्ध क्षेत्र में अपनी ताकत का परिचय देंगे।
कॉर्डिनेशन की प्रदर्शनी
इस एक्सरसाइज के जरिए दिखाया जाएगा कि कैसे युद्ध की स्थिति में इंडियन आर्मी के तीनों अंगों थलसेना, वायुसेना और नौसेना मिलकर काम करती है और कितनी तेजी से सेनाओं के बीच कॉर्डिनेशन होता है। डोमो की आरंभ तीनों सेना के अंगों के स्पेशल फोर्स, गरुढ कमॉडों और मार्कोज हैलिकॉप्टर के जरिए स्लीदर और ऑल टेरेन वेहिकल के ज़रिये युद्ध के मैदान पर पहुंचेंगे और अपनी तैयारियों को धार देंगे तो उसके बाद लॉन्ग रेंज ऑर्टेलरी गन से गोलीबारी कर दुशमन के ठिकानों तो ध्वस्त करने का जौहर दिखाएंगे।
इंटीग्रेटेड सिनेमाघर कमांड बनाने की तैयारी
सेना के तीनों अंगो को मिलाकर इंटीग्रेटेड सिनेमाघर कमांड बनाने की तैयारी भी चल रही है, हालांकि इसका फाइनल रूप तय होना बाकी है। ऐसे में तीनों सेनाओं का किस तरह से इंटीग्रेशन होता है और भिन्न भिन्न लोकेशन पर होने के बाद भी कैसे तेजी से कम्युनिकेशन होता है, यह सब ‘भारत शक्ति’ एक्सरसाइज में दिखाई देगा।
पॉजिटिव इंडिनाइजेशन
पिछले कुछ वर्षों में आत्मनिर्भरता के अनुसार रक्षा मंत्रालय पॉजिटिव इंडिनाइजेशन की पांच लिस्ट जारी कर चुका है। यानी उन रक्षा उपकरणों की लिस्ट जिनकी खरीद विदेशों से नहीं बल्कि स्वदेशी कंपनियों से की जाएगी। इसके अतिरिक्त ये भी तय किया गया कि रक्षा खरीद के लिए सभी कटैगरी में कम से कम 50 पर्सेंट स्वदेशी कंटेंट होना चाहिए, जिसमें मटीरियल, कंपोनेंट, सॉफ्टवेयर शामिल हो सकता है, ये हिंदुस्तान में ही बने होने चाहिए।