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क्या शोभायात्रा में पत्थरबाजी से बदलेगा बंगाल का समीकरण…

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में से तीन पर वोटिंग जारी है. लेकिन चुनाव से ठीक पहले बंगाल के दो जिलों में तनाव देखने को मिला. यह तनाव रामनवमी के दिन हुआ. मुर्शिदाबाद और मेदिनीपुर में रामनवमी के दिन हिंसक विवाद हो गई. कई लोग घायल हुए. इस अत्याचार के लिए भाजपा और तृण मूल काँग्रेस एक दूसरे को उत्तरदायी ठहरा रही है. ऐसे में प्रश्न उठ रहे हैं कि क्या यह तनाव चुनावी है? क्या वोट बैंक का अंकगणित है इसका मकसद है.

ममता को था पहले से अंदेशा

सबसे पहले आपको रामनवमी की शोभायात्रा से 1 दिन पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान के बारे में बताते हैं ममता बनर्जी ने बोला था कि बीजेपी 17 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर अत्याचार और दंगे भड़काने की प्रयास करेगी. उन्होंने अपनी भगवा विचारधारा के साथ हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों में घुसपैठ की है. उनका एजेंडा संघर्ष और तानाशाही को कायम रखना है. मैं सभी से शांति और एकता बनाए रखने का आग्रह करता हूं. आइए हम उनके हाथों में न खेलें. इसके बजाय, हम इस दिन को एक प्रतीक के रूप में मनाएं. इसके अलावा, ममता बनर्जी ने कांग्रेस पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) पर पश्चिम बंगाल में बीजेपी के साथ “भाई-भाई” खेलने का भी इल्जाम लगाया.

ममता के झांसे में आ गए लोग

शोभा यात्रा में पत्थर बाजी के बाद बीजेपी हमलावर हो गई है. बीजेपी नेता सुकांता मजूमदार ने बोला कि ममता बनर्जी प्रयास कर रही थी लोगों को उकसाने की. कुछ स्थान ऐसा हो गया कि लोग ममता बनर्जी के झांसे में आ गए. यह ममता बनर्जी की प्लानिंग है. अल्पसंख्यक वोट पाने की प्लानिंग है. शुभेंदु अधिकारी ने बोला कि सीएम के भड़काऊ भाषण के कारण पश्चिम बंगाल राज्य में विभिन्न स्थानों पर राम नवमी जुलूसों को बाधित किया गया और उन पर धावा किया गया, जिससे विद्रोहियों को सफलतापूर्वक उकसाया गया. जिन्हें आश्वासन दिया गया था कि कानून प्रवर्तन एजेंसी उनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं करेगी क्योंकि उनके हाथ बंधे हुए हैं.

कांग्रेस ने कहा सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने के लिए साजिश

कांग्रेस भी इस जंग में कहां पीछे रहने वाले थी. अधीर चौधरी ने इसे सुनायोजित बताते हुए बोला कि सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने के लिए षड्यंत्र हो रही है. इस क्षेत्र में एक नया समीकरण बनाने की प्रयास हो रही है. प्रशासन इस(मुर्शिदाबाद में रामनवमी जुलूस के दौरान हुई घटना) घटना के बाद भी हरकत में नहीं आई> सांप्रदायिकता की आग बहुत घातक होती है> मैं लोगों से अपील करता हूं कि शांति बहाल करने के लिए जो भी कदम उठाए जा सकते हैं वे उठाए जाए. अधीर रंजन ने मुर्शिदाबाद में घायल लोगों से मिलने की प्रयास की तो उन्हें बीजेपी कार्यकर्ताओं के कई विरोध का सामना करना पड़ा.

चुनाव से ठीक पहले पश्चिम बंगाल में तनाव 

पश्चिम बंगाल के शक्तिपुर में रामनवमी की शोभायात्रा के आयोजन पर बम धमाके, आगजनी, पथराव, आंसू गैस के गोले छोड़े जाने की अशुभ तस्वीर सामने आई. जानकारी के मुताबिक कुछ लोगों ने शोभायात्रा पर ऐड पत्थर से धावा किया बमबारी की और विद्रोह मचाया. आश्चर्य की बात यह है कि यह सब कुछ पुलिस के सामने हुआ. मुर्शिदाबाद में वैसे तो 7 में को चुनाव है लेकिन पहले चरण में 19 अप्रैल को उत्तर बंगाल की तीन सीटों पर वोटिंग हो रही है. ऐसे में यह प्रश्न उठ रहे हैं कि चुनाव से ठीक पहले पश्चिम बंगाल में तनाव के पीछे चुनाव है?

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