राष्ट्रीय

गौतमबुद्ध नगर में बीजेपी उम्मीदवार के लिए दिग्गज मैदान में…

  दिल्ली-एनसीआर की वीवीआईपी सीट में से एक गौतमबुद्ध नगर भाजपा का गढ़ बनती जा रही है. 2014 से ही ये सीट भाजपा का एक अभेद किला बन गई है. इसकी सबसे बड़ी वजह है माइग्रेंट वोटर्स. ऐसा माना जाता है कि जो शहरी वोटर्स हैं, वो भाजपा को ही ज्यादातर वोट करते हैं.

इसके साथ ही कभी बसपा का गढ़ रहा गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र में बीएसपी और समाजवादी पार्टी के नेता खासतौर पर सुरेंद्र नागर, नरेंद्र भाटी, सतवीर नागर सहित गुर्जर बिरादरी के बड़े नेता बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. बीजेपी के उम्मीदवार चिकित्सक महेश शर्मा के पक्ष में भाजपा के कद्दावर नेता मैदान में उतर आए हैं. कुछ दिनों पहले ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ग्रेटर नोएडा पहुंचे थे और उन्होंने प्रबुद्ध सम्मेलन में हिस्सा लिया था जहां हजारों की संख्या में प्रबुद्ध वर्ग के लोग उपस्थित थे.

अब 13 अप्रैल को गृह मंत्री अमित शाह डॉ महेश शर्मा के लिए एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे. सूचना है कि आने वाले समय में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एक बार फिर सीएम स्वयं नोएडा आकर एक बड़ी जनसभा को संबोधित कर सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ बात करें तो सपा, कांग्रेस पार्टी और आम आदमी के गठबंधन के प्रत्याशी डॉ महेंद्र नागर अपना चुनाव प्रचार अकेले ही करते नजर आ रहे हैं. उनके समर्थन में अभी तक गठबंधन का कोई बड़ा नेता नोएडा नहीं पहुंचा है.

बसपा ने भी अपने कैंडिडेट राजेंद्र सिंह सोलंकी को मैदान में उतारा है. लेकिन बताया जा रहा है कि गौतमबुद्ध नगर में भाजपा को छोड़ अन्य पार्टियों में लड़ाई नंबर एक नहीं, बल्कि नंबर 2 की पोजीशन के लिए है. नंबर 1 पर पिछले दो चुनावों से भाजपा ही काबिज है.

गौतमबुद्ध नगर की यह सीट 2009 से अस्तित्व में आई. 2009 में पहली बार यह सीट बीएसपी ने जीती थी. पहले सांसद सुरेंद्र नागर बने थे. चिकित्सक महेश शर्मा उस समय पहली बार चुनाव में खड़े हुए और महज 15 हजार मतों से हारे थे. लेकिन, 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में महेश शर्मा ने 2 लाख 90 हजार और 3 लाख 30 हजार से अधिक मतों से जीत दर्ज की. 2019 में समाजवादी पार्टी और बीएसपी मिलकर लड़े थे. तब सतवीर नागर प्रत्याशी थे. उस समय गठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा था.

यहां ज्यादातर लोग अन्य जिलों से और राज्यों से आकर बसे हुए हैं. गौतमबुद्ध नगर में माना जाता है कि सबसे अधिक वीवीआईपी वोटर्स की संख्या है, जिनमें पूर्व गवर्नर, सांसद, विधायक, सिविल सर्वेंट आदि रहते हैं. गौतमबुद्ध नगर जिला उत्तर प्रदेश का राजस्व देने वाला नंबर वन जिला है.

यहां गगनचुंबी इमारतें हैं, तेज रफ्तार में भागती मेट्रो है और 24 घंटा चलने वाले कार्यालय भी हैं. लेकिन उसके साथ-साथ यहां पर कई ऐसी समस्याएं हैं जिनका निवारण करने में डबल इंजन की गवर्नमेंट को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी है. इनमें बिल्डर-बायर्स परेशानी सबसे बड़ी है. रजिस्ट्री एक अहम मामला है. हालांकि, योगी गवर्नमेंट ने रजिस्ट्री की दिशा में सकारात्मक कदम उठाया है. 20 सालों से अधिक लंबे समय से रुकी रजिस्ट्रियों की आरंभ कराई है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button