चीन से सटे इस गांव में पहली बार बजी फोन की घंटी
मोदी गवर्नमेंट के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गई है। दिल्ली से करीब 700 किलोमीटर दूर हिमाचल प्रदेश के स्पीति के गिउ गांव को पहली बार मोबाइल नेटवर्क मिला है, जो इस गांव के विकास में बहुत अहम बताया जा रहा है।इस सफलता के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने गांव के लोगों को टेलीफोन कर बात भी की। गिउ गांव में मोबाइल नेटवर्क आने से अब दूर-दराज इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए चीजें काफी सरल हो जाएंगी। इससे पहले इन लोगों के पास कनेक्टिविटी का कोई माध्यम नहीं था। गिउ गांव चीन के लगी सीमा के बहुत करीब स्थित है।
गांववालों से वार्ता के दौरान प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूछा कि यदि आप लोगों को बात करनी होती थी तो कैसे करते थे? उत्तर में एक शख्स ने बोला कि हमें बहुत परेशानी होती थी। हम लोगों को बात करने के लिए मेन रोड के निकट 8 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। इस पर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने आश्चर्य जताई और पूछा कि वहां तापमान कितना रहता है? शख्स ने बोला कि रात में माइनस 5-6 के बीच रहता है। दिन के समय अधिक हो जाता है।
अगला प्रश्न प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने ये पूछा कि अब तो मोबाइल टेलीफोन आ गया है लेकिन पहले बिना कनेक्टिविटी के आप लोग कैसे मैनेज करते थे? इस पर गांववालों ने कहा, हमारे यहां बरसात काफी होती है। बाढ़ की परेशानी भी होती है।इस कारण भारी मात्रा में मिट्टी और पत्थर आ जाते हैं। 2010 में यहां 17 हेक्टेयर जमीन दब गई थी मलबे में। मोबाइल कनेक्टिविटी अब हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले में स्थित हिंदुस्तान के पहले गांव कौरिक और गिउ तक पहुंच गई है। दूर-दराज में स्थित यह गांव समुद्र तल से 14,931 फीट की ऊंचाई पर है, जहां लोगों अब टेलीफोन पर बात कर सकते हैं।
दूर-दराज इलाकों तक पहुंचा मोबाइल नेटवर्क
दूरसंचार विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘मोबाइल कनेक्टिविटी अब समुद्र तल से 14,931 फीट ऊपर स्थित कौनिक और गिउ गांव तक पहुंच गई है। इन दूर-दराज स्थित गांवों में अब मोबाइल नेटवर्क मौजूद है।‘कौनिक हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले में पड़ता है,जो परांग वैली या परे चू नदी के पास स्थित है, जहां स्पीति नदी का मिलन होता है। यह तिब्बत के पास सीमा पर स्थित है। गिउ गांव टोबो मॉनेस्ट्री से करीब 40 किमी दूर है। यहां से भारत-चीन बॉर्डर अधिक दूर नहीं है