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जानें, SC ने VVPAT पर फैसले में क्या कहा…

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जारी वोटिंग के बीच चुनाव आयोग को उच्चतम न्यायालय से बड़ी राहत मिली है उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में डाले गए वोटों का वीवीपैट के माध्यम से 100 प्रतिशत सत्यापन की मांग की गई थी जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की दो जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से निर्णय सुनाया न्यायालय ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग भी खारिज कर दी और 100 प्रतिशत सत्यापन की मांग भी ठुकरा दी इस तरह अब ईवीएम से ही मतदान होंगे और बैलेट पेपर नहीं लौटेंगे

सुप्रीम न्यायालय के जस्टिस दीपांकर दत्ता ने याचिकाकर्ताओं को नसीहत देते हुए कहा, ‘किसी सिस्टम पर आंख मूंदकर शक करना ठीक नहीं है इसलिए हमारे मुताबिक सार्थक निंदा की जरूरत है, चाहे वह न्यायपालिका हो, विधायिका हो लोकतंत्र का अर्थ सभी स्तंभों के बीच सद्भाव और विश्वास बनाए रखना है विश्वास और योगदान को बढ़ावा देकर हम अपने लोकतंत्र की आवाज को मजबूत कर सकते हैं

इतना ही नहीं, उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयोग को दो अहम निर्देश दिए उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयोग से बोला कि सिंबल लोडिंग यूनिट को 45 दिन तक सुरक्षित रखा जाए इसके अलावा, न्यायालय ने बोला कि यदि कोई प्रत्याशी वेरिफिकेशन की मांग करता है तो उस स्थिति में इसका खर्चा उसी से वसूला जाए और यदि ईवीएम में कोई छेड़छाड़ मिलती है तो उसे प्रत्याशी को उसका पूरा खर्चा वापस किया जासकता है

वहीं, जस्टिस संजीव खन्ना ने चुनाव आयोग से बोला कि कागज की पर्चियों की गिनती के लिए इलेक्ट्रॉनिक मशीन के सुझाव पर ध्यान दें और यह भी देखें कि क्या चुनाव चिन्ह के साथ-साथ प्रत्येक पार्टी के लिए बार कोड भी हो सकता है न्यायालय ने बोला उम्मीदवारों के निवेदन पर परिणामों की घोषणा के बाद माइक्रोकंट्रोलर ईवीएम में मेमोरी की जांच की जाएगी ऐसा निवेदन रिज़ल्ट घोषित होने के 7 दिनों के अंदर किया जा सकता है हालांकि उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयोग को वीवीपैट की गिनती में मशीन की सहायता लेने की आसार तलाशने का सुझाव दिया है

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