‘जेल भेजने के लिए पीएम मोदी का धन्यवाद’, संजय सिंह बोले…
संजय सिंह ने कहा, ‘मैंने नेल्सन मंडेला से मुलाकात की. उनका बहुत बढ़िया क्रांतिकारी जीवन था. मैंने भगत सिंह से मुलाकात की…23 वर्ष का नौजवान कैसे अपना जीवन न्यौछावर कर सकता है, उनको पढ़कर ये जाना. मैंने अशफाक उल्ला, रौशन सिंह, राजेंद्र लाहिड़ी, रामप्रसाद बिस्मिल पता नहीं कितने क्रांतिकारी, जिनके बारे में पढ़ा, जाना. काला पानी के डॉक्यूमेंट्स पढ़े और तब ये लगा कि तीस वर्ष से जो समाज सेवा राजनीति के माध्यम से लोगों की सेवा कर रहा था. शायद मेरा रास्ता ठीक था.‘
उन्होंने कहा, ‘गांधी जी को पढ़ा तो ये जाना कि हम तो ठीक रास्ते पर चल रहे थे. शायद ये छह महीने का कारावास का यात्रा नहीं होता तो मैं ये नहीं समझ पाता, जो कर रहा था, जिस संघर्ष के रास्ते पर चल रहा था वो ठीक है या गलत है. मैं तो धन्यवाद देना चाहुंगा पीएम मोदी का कि उन्होंने ये अवसर दिया. अपने आप से बात करने का, अपने रास्ते को और मजबूत बनाने का. मैं छह महीने की कारावास की यात्रा से और तप के निकला हूं. आगे के रास्ते को तैयार करने के लिए आगे के रास्ते को और मजबूत करने के लिए.‘
संजय सिंह ने कहा, ‘हो सकता है आज बहुत सारे माध्यम बिक गए हों, लेकिन इतिहास कभी नहीं बिका. इतिहास में वही दर्ज होता है, जो आप करते हैं. क्या सच है, क्या गलत है… यह लोग तय करेंगे. लेकिन किस मंशा से पीएम ने मुझे कारावास भेजा मैं नहीं जानता. बस यही कहूंगा कि पीएम मोदी का बहुत-बहुत धन्यवाद, आपने तीस वर्ष के मेरे जीवन को, संघर्ष को और अधिक मजबूत बनाया.‘