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टीएमसी नेता केंद्रीय जांच एजेसियों के प्रमुखों को बदलने की कर रहे मांग

चुनाव आयोग के बाहर सोमवार को धरना प्रदर्शन कर रहे तृण मूल काँग्रेस नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था. हिरासत में लिए गए तृण मूल काँग्रेस नेताओं को नयी दिल्ली के मंदिर मार्ग स्थित थाने में रखा गया था. थाने में भी तृण मूल काँग्रेस नेताओं ने पूरी रात धरना प्रदर्शन किया. तृण मूल काँग्रेस नेता केंद्रीय जांच एजेसियों के प्रमुखों को बदलने की मांग कर रहे हैं.

थाने में ही धरने पर बैठे तृण मूल काँग्रेस नेता

दिल्ली पुलिस के अनुसार, चुनाव आयोग के बाहर प्रदर्शन कर रहे तृण मूल काँग्रेस के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को हिरासत में लिया गया था. तृण मूल काँग्रेस नेताओं को हिरासत में लेकर पुलिस मंदिर मार्ग थाने पहुंची और रात में उन्हें जाने को कह दिया गया था, लेकिन तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नेताओं से थाने से जाने से इनकार कर दिया और पुलिस स्टेशन में ही धरने पर बैठ गए. जिन नेताओं ने धरना प्रदर्शन किया, उनमें तृण मूल काँग्रेस के पांच सांसद डेरेक ओ ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, साकेत गोखले और सागरिका घोष शामिल हैं. वहीं तीन पूर्व सांसद अर्पिता घोष, शांतनु सेन और अबीर रंजन बिस्वास और विधायक विवेक गुप्ता और तृण मूल काँग्रेस के युवा नेता सुदीप राहा भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे.

टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग को सौंपा ज्ञापन

टीएमसी नेताओं ने सोमवार को चुनाव आयोग को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें दावा किया गया कि बीजेपी और एनआईए मिलकर काम कर रही हैं और हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही हैं. पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद डेरेक ओ ब्रायन ने बोला कि वह बीजेपी की तानाशाही के विरुद्ध लड़ाई के लिए तैयार हैं. तृण मूल काँग्रेस नेताओं की मांग है कि सीबीआई, एनआईए, प्रवर्तन निदेशालय और इनकम टैक्स विभाग के प्रमुखों को बदला जाए. प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने तृण मूल काँग्रेस नेताओं को हिरासत में लिया, इस दौरान खूब बवाल हुआ

टीएमसी सांसद डोला सेन ने बोला कि ‘हमने चुनाव आयोग से अपील की कि एनआईए, सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और इनकम टैक्स विभाग के प्रमुखों को बदला जाए. इस मांग को लेकर हमने 24 घंटे का शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया.‘ वहीं बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने गवर्नर और अन्य शीर्ष ऑफिसरों से मुलाकात की. इस मुलाकात में अधिकारी ने चुनाव आचार संहिता के बाद भी केंद्रीय बलों की राज्य में तैनाती की मांग की. उन्होंने बोला कि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती तीन महीने तक बढ़ाने की अपील की.


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