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तिहाड़ जेल में केजरीवाल की सुरक्षा खतरे में…

जेल में सीएम अरविंद केजरीवाल की जान को खतरा बताते हुए सभी लंबित मामलों में अंतरिम जमानत की मांग को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. याचिका में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया और अतीक अहमद की हिरासत में हत्याओं का उदाहरण देते हुए बोला गया है कि तिहाड़ कारावास में केजरीवाल की सुरक्षा खतरे में है.

 

यह जनहित याचिका कानून के चौथे साल के विद्यार्थी ने हम हिंदुस्तान के लोग नाम से दाखिल की है. अधिवक्ता करण पाल सिंह के माध्यम से दाखिल याचिका पर सोमवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ द्वारा सुनवाई की जाएगी.

याची ने सीएम अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सहित उनके विरुद्ध दर्ज सभी आपराधिक मामलों में अपना कार्यकाल पूरा होने तक असाधारण अंतरिम जमानत पर रिहा करने की मांग की गई है, जो जांच या मुकदमे के लिए लंबित हैं. याचिका में बोला गया है कि राष्ट्रीय राजधानी की जेलों में इतने सारे कैदियों की मृत्यु केवल इसलिए हुई है क्योंकि उन्हें समय पर चिकित्सा सुविधाएं और सेवाएं प्रदान नहीं की गईं, जबकि कैदियों की शारीरिक स्थिति गंभीर थी.

याचिका में बोला गया है कि सीएम होने के नाते यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि केजरीवाल के लिए सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं, चिकित्सा उपकरण और जानकार चिकित्सक 24×7 मौजूद हों, जो कारावास परिसर के सुरक्षा कारणों से न्यायिक हिरासत के अनुसार भी संभव नहीं है. जेल अधिकारी और पुलिस अधिकारी केजरीवाल की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते, क्योंकि वे उसी काम के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित नहीं हैं.

 

 

याचिका में बोला गया है कि विशिष्ट बल के अच्छी तरह से प्रशिक्षित कमांडो का काम भी यही है. याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट का ध्यान दिलवाया कि दिल्ली के सीएम की सुरक्षा बहुत खतरे में है, क्योंकि कारावास में कट्टर क्रिमिनल जिन पर दुष्कर्म, हत्या, डकैती और यहां तक कि बम-विस्फोट के आपराधिक मामलों के आरोपी है और उनके बीच सिर्फ़ कुछ मीटर की दूरी या कुछ दीवारें हैं.

याचिका में बोला गया है कि आज तक ऐसा कोई इल्जाम नहीं है कि केजरीवाल या उनके परिवार के सदस्यों या सहयोगियों ने किसी गवाह को किसी भी तरह से धमकी दी हो और इसलिए निकट भविष्य में भी इसकी कोई आसार नहीं है. उन्होंने बोला यह हिंदुस्तान के साथ-साथ हिंदुस्तान के सभी नेताओं और हिंदुस्तान के संस्थानों के लिए बहुत शर्मनाक और भयावह स्थिति होगी, यदि कोई भी आदमी दिल्ली गवर्नमेंट के एनसीटी हॉस्पिटल में मर जाएगा केवल इसलिए कि जरूरी दवा नहीं थी.

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