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दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक में भ्रष्टाचार के आरोपों पर दिल्ली सरकार ने कहा…

नई दिल्ली दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक में करप्शन के आरोपों पर दिल्ली गवर्नमेंट का बोलना है कि हेल्थ सेक्रेटरी को हटाने के लिए बाकायदा लिखित में दिया जा चुका है, लेकिन, उप गवर्नर हेल्थ सेक्रेटरी को नहीं हटा रहे हैं बीजेपी द्वारा करोड़ों रुपए के करप्शन के इल्जाम पर दिल्ली गवर्नमेंट ने बोला कि बीजेपी की गवर्नमेंट ने ही इन अफसरों को लगाए हैं, तो इस गड़बड़ के लिए भी तो सीधे तौर पर केंद्र में बैठी बीजेपी गवर्नमेंट उत्तरदायी होगी अब वही अधिकारी गड़बड़ी कर रहे हैं

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरव भारद्वाज ने बोला कि उपराज्यपाल कार्यालय से ये ख़बर चलायी जा रही है कि उनके द्वारा दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों के संबंध में CBI को जांच भेजी गई है, ये ख़बर बहुत ही हास्यास्पद है यह ग़ौर करने वाली बात है कि दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग में स्वास्थ्य सचिव किसने लगाए हैं स्वास्थ्य सचिव हो या डीजीएचएस हो, इन्हें उप गवर्नर या केंद्र गवर्नमेंट द्वारा लगाया गया है ये बहुत ही अजीब जांच है, जिसमें स्वयं लगाए गए अफ़सरों को करप्ट कहा जा रहा है और CBI में जांच भेजी जा रही है

स्वास्थ्य मंत्री ने बोला कि करीब सात मोहल्ला क्लीनिकों में काम कर रहे चिकित्सक और उनके सहयोगी स्टाफ गलत ढंग से अटेंडेंस लगा रहे थे वीडियो द्वारा ऐप में डॉक्टरों की अटेंडेंस लगाई जा रही थी इस गड़बड़ी को करने के लिए उन सभी 26 कर्मचारियों को तुरंत जॉब से निकालने के आदेश दिए गए थे इन 26 लोगों में सात डॉक्टर, और अन्य कर्मचारियों को मोहल्ला क्लीनिक से तुरंत निकाला गया था इसके साथ इस मुद्दे में एफआईआर दर्ज करने के आदेश भी दिए गए थे

उन्होंने बोला कि मार्च 2023 में मैंने स्वास्थ्य मंत्री का पदभार संभाला और 21 अप्रैल 2023 को ये निर्देश दिए कि एक फ्लाइंग स्क्वाड (इंस्पेक्शन टीम) बनायी जाए, जो सभी मोहल्ला क्लीनिकों का औचक निरीक्षण करे ये भी आदेश दिया गया कि फ्लाइंग स्क्वाड यह भी देखे कि जिन-जिन मोहल्ला क्लीनिक में 125 से ज़्यादा मरीज़ देखे जाते हैं, वहां पर कोई गड़बड़ी तो नहीं यदि कोई गड़बड़ी मिले जाए तो तुरंत कार्रवाई की जाए

दिल्ली गवर्नमेंट के अनुसार स्वास्थ्य सचिव को बोला गया कि मंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन न करने के लिए संबंधित ऑफिसरों से उत्तर मांगा जाए, मगर इस संबंध में भी स्वास्थ्य सचिव द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई बार-बार कहने पर भी यदि इंस्पेक्शन नहीं की गई, उसकी रिपोर्ट नहीं दी गई, उसकी कार्रवाई को रोका गया, तो ऐसे में उपराज्यपाल को स्वास्थ्य सचिव पर कार्रवाई करनी चाहिए वो स्वास्थ्य सचिव को क्यों बचा रहे है?

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