नाच ना जाने आंगन टेढ़ा, PM मोदी ने राहुल गांधी पर कसा तंज
लोकसभा चुनाव प्रारम्भ होने से पहले सियासी दल जोरशोर से रैलियां और प्रचार कर रहे हैं. इसी बीच पीएम मोदी ने एएनआई को साक्षात्कार दिया जिसमें सनातन धर्म, आगे के प्लान, राजनीति, विदेश नीति और राम मंदिर सहित अनेक मुद्दों पर उन्होंने बात की. वहीं पीएम विपक्ष पर तंज कसने में भी नहीं चूके. उन्होंने बिना नाम लिए ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी पर तंज कस दिया. राहुल गांधी के लिए उन्होंने बोला ‘नाच ना जाने आंगन टेढ़ा.‘
प्रधानमंत्री मोदी से जब प्रश्न किया गया कि सारे संस्थानों पर बीजेपी हावी है और ईडी, CBI को अपने इशारे पर चला रही है. इसपर पीएम ने बोला कि इनमें से कोई भी कानून हमारी गवर्नमेंट ने नहीं बनाया है. हमने तो चुनाव आयोग में भी सुधार किए हैं. आज कोई चुनाव आयुक्त बनता है तो विपक्षी उसमें होता है. पहले तो पीएम एक फाइल पर साइन करके इलेक्शन कमिश्नर बना देता था. ऐसे लोग इलेक्शन कमिश्नर बने जो उनके परिवार के साथ जुड़े थे. ऐसे लोग इलेक्शन कमिश्नर बने जो वहां से निकलने के बाद राज्यसभा के सांसद बने और उनके उम्मीदवार बने. हम उस रास्ते पर नहीं जा सकते.
प्रधानमंत्री ने कहा, प्रवर्तन निदेशालय और CBI कैसे बनी? हमारे यहां एक कहावत है, नाच ना जाने आंगन टेढ़ा. इसलिए वे कभी ईवीएम का बहाना निकालेंगे कभी प्रवर्तन निदेशालय CBI का. दरअसल वे हार के लिए अभी से कारण सेट करने में लगे हैं ताकि हार उनके खाते में ना चढ़ जाए.
प्रधानमंत्री ने बोला आज हमारे पास दुर्भाग्य से देखने को मिलता है कि शब्दों के प्रति कोई प्रतिबद्धता नहीं हैं. आज एक नेताजी के ढेर सारे वीडियो बाजार में घूम रहे हैं. उनके एक विचार से दूसरे विचार बिल्कुल अलग हैं. एक नेता का मैंने भाषण सुना उन्होंने बोला कि एक झटके में गरीबी हटा दूंगा. जिन्होंने पांच-छह दशक राज किया वे यदि बोलेंगे के एक झटके में गरीबी हटा दूंगा. ऐसे में प्राण जाए पर वचन ना जाए, इस महान परंपरा से हम जुड़े हैं. नेताओं को जिम्मेदारी लेनी चाहिए. मैं जो बोल रहा हूं उसके प्रति प्रतिबद्ध हूं.
इलेक्टोरल बॉन्ड पर राहुल गांधी का पलटवार
इलेक्टोरल बॉन्ड पर बोलते हुए पीएम मोदी ने बोला कि यह स्कीम पारदर्शिता के लिए लाई गई थी ताकि चुनाव में ब्लैक मनी का इस्तेमाल ना हो. हो सकता है कि इसमें सुधार की आवश्यकता हो लेकिन इसके पीछे नीयत साफ थी. पीएम ने बोला कि इसको लेकर लोगों को पछताना पड़ेगा. पीएम ने बोला कि इस स्कीम पर संसद में चर्चा हुई थी तब कुछ लोग इसके समर्थन में थे और अब विरोध कर रहे हैं.
वहीं प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान पर राहुल गांधी ने पलटवार करते हए बोला कि यह एक वसूली स्कीम है जिसके मास्टरमाइंड नरेंद्र मोदी हैं. उन्होंने बोला कि इलेक्टोरल बॉन्ड में सबसे महत्वपूर्ण तारीखें और नाम हैं. आप देखेंगे तो पाएंगे कि उन्होंने जब इलेक्टोरल बॉन्ड लिया तो इसके तुरंत बाद कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट मिल गया या फिर उनपर हो रही जांच बंद हो गई.