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नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार एक व्यक्ति को बॉम्बे हाईकोर्ट ने दी राहत

नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के इल्जाम में अरैस्ट एक आदमी को बॉम्बे उच्च न्यायालय ने राहत दी है नागपुर बेंच ने सुनवाई के दौरान बोला है कि दोनों के बीच कथित शारीरिक संबंध दरिंदगी या वासना नहीं, बल्कि प्रेम प्रसंग के चलते बने थे इधर, आवेदन की तरफ से भी न्यायालय को कहा था कि लड़की अपनी मर्जी से घर से आई थी और जबरन शारीरिक संबंध नहीं बनाए गए थे

क्या था मामला
मामला 2020 का है अभियोजन पक्ष के मुद्दे के अनुसार, आवेदक नाबालिग लड़की का पड़ोसी थी घटना के समय उसकी उम्र 13 वर्ष की थी 23 अगस्त 2020 को लड़की सहपाठी से पुस्तक लेने का कहकर घर से निकली, लेकिन घर नहीं पहुंची अब परिजनों ने तलाशी के बाद अमरावती जिले के अंजनगांव सुरजी थाने में FIR दर्ज करा दी थी

जांच के दौरान पता चला था कि लड़की घर से निकलकर आवेदक के साथ थी और बेंगलुरु में उसका पता चला था वापसी पर आवोदक को 30 अगस्त 2020 को अरैस्ट कर लिया गया था उसके विरुद्ध दुष्कर्म और POCSO के अनुसार मुद्दा दर्ज किया गया था हालांकि, बोला जा रहा है कि पुलिस को दिए बयान में नाबालिग ने आरोपी के साथ प्रेम प्रसंग की बात मानी थी

अब न्यायालय में क्या हुआ
मामले की सुनवाई कर रहीं उर्मिला जोशी-फाल्के ने पाया कि लड़की नाबालिग थी, लेकिन पुलिस को दिए बयान के मुताबिक वह स्वयं अपने माता-पिता के घर से गई थी न्यायालय ने साथ ही पाया कि वह कई जगहों पर आवेदक के साथ रही थी और कभी कम्पलेन नहीं कि उसे जबरदस्ती ले जाया गया है

कोर्ट ने कहा, ‘आवेदक भी 26 वर्ष की नाजुक उम्र का है और प्रेम प्रसंग के चलते दोनों साथ आए ऐसा लगता है कि कथित शारीरिक संबंध दो युवा लोगों के बीच आकर्षण के चलते बने हैं और ऐसा नहीं है कि आवेदक ने वासना के चलते पीड़िता पर यौन धावा किया हो

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