निर्दलीय मैदान में उतरीं वर्धा से भाजपा सांसद की बहू
वर्धा से बीजेपी (भाजपा) के सांसद रामदास तड़स को बड़ी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, जब उनकी बहू ने गुरुवार को उनके परिवार पर उत्पीड़न, हाथापाई और यातना देने का इल्जाम लगाया. वह लोकसभा चुनाव में निर्दलीय के रूप में उन्हें चुनौती दे रही हैं.
पूजा पंकज शेंद्रे-तड़स ने अपने 17 महीने के बेटे के साथ शिवसेना-यूबीटी की उपनेता सुषमा अंधारे के साथ आज दोपहर में एक मीडिया मीटिंग में तड़स परिवार के साथ रहते हुए तीन वर्ष से अधिक समय से हो रही अपनी दुर्दशा के बारे में बताया.
उन्होंने तर्क दिया कि लगभग तीन वर्ष पहले उनके पति पंकज आर.तड़स को दुष्कर्म के इल्जाम से बचाने के लिए उन्हें कथित तौर पर विवाह के लिए विवश किया गया था. उसके बाद से उन्हें यातना दी गई, लोहे की छड़ से पीटा गया. जिस फ्लैट में वह रहती थीं, उससे बाहर फेंक दिया गया और यहां तक कि कई मौकों पर भोजन देने से इनकार भी किया गया.”
पूजा तड़स ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 अप्रैल को चुनाव प्रचार के लिए वर्धा आ रहे हैं. मेरी उनसे मिलने और राष्ट्र की बेटी के रूप में इन्साफ की अपील करने की योजना है.”
तड़स परिवार द्वारा कथित तौर पर किए गए उत्पीड़न पर उन्होंने बोला कि उन्हें फ्लैट तक ही सीमित रखा गया और शारीरिक रूप से एक वस्तु की तरह “इस्तेमाल” किया गया. लेकिन बेटे के जन्म के बाद उनके पति ने उन्हें अस्वीकार कर दिया. पति और उनके ससुर रामदास तडस ने उनसे बच्चे का पितृत्व साबित करने के लिए डीएनए परीक्षण कराने के लिए कहा.
उन्होंने मांग की, “मैं इस तरह के दुर्व्यवहार, अपने बच्चे के डीएनए परीक्षण के नाम पर अपमान और अन्य प्रकार के उत्पीड़न से गुजर रही हूं… यदि एक सांसद के रूप में रामदास तड़स अपनी ही बहू को इन्साफ नहीं दे सकते, तो समाज के लोगों के लिए वह क्या करेंगे? मैं चाहती हूं कि मेरी सहायता के लिए पीएम का हस्तक्षेप हो.”
पूजा तड़स ने दावा किया कि जब वह एक बार रामदास तड़स के घर गई थीं, तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और लोहे की रॉड से उन पर धावा किया गया. जिस फ्लैट में वह रह रही थीं, उसे तड़स परिवार ने बेच दिया. उसके बाद उन्हें फ्लैट से बाहर निकाल दिया गया. उनके पास रहने के लिए कोई स्थान नहीं थी.
रामदास तड़स जीत की हैट्रिक लगाने के लिए लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने बहू के सभी आरोपों को नकारते हुए बोला : “मेरा अपने बेटे (पंकज) या उसकी पत्नी (पूजा) के साथ कोई संबंध नहीं है, वे मेरे साथ नहीं रहते. उन्होंने मुझे बताए बिना विवाह कर ली.”
पूजा तड़स ने इसका प्रतिवाद करते हुए पूछा कि यदि उन्होंने अपने बेटे (पंकज) को अस्वीकार कर दिया है, तो वह अभी भी तडस के घर में क्यों रह रहे हैं, जबकि उन्हें छोटे बच्चे के साथ बाहर निकाल दिया है?
हस्तक्षेप करते हुए सुषमा अंधारे ने बोला कि बीजेपी स्त्री आरक्षण और सशक्तीकरण, मोदी परिवार जैसी चीजों की बात करती है, फिर बीजेपी परिवार के एक परिवार के सदस्य की बेटी और बच्चे को इन्साफ से वंचित क्यों किया जा रहा है?
रामदास तड़स ने बोला कि उनके बेटे की विवाह का मामला बहुत पुराना है, लेकिन विपक्षी दलों द्वारा लोकसभा चुनाव में सियासी फायदा उठाने के लिए अब इसे उठाया जा रहा है. उनके बेटे पंकज तड़स ने दावा किया कि उन्हें पूरे मुद्दे में “हनी-ट्रैप” में फंसाया गया था और विभिन्न पहलुओं पर आधा दर्जन पुलिस और अदालती मुद्दे लंबित हैं, जिसमें तलाक का मुद्दा भी शामिल है, जिसमें उनकी अलग रह रहीं पत्नी योगदान नहीं कर रही हैं.
यह मामला दो वर्ष पहले सार्वजनिक डोमेन में तब उछला था, जब महाराष्ट्र राज्य स्त्री आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने एक वीडियो ट्वीट किया और पुलिस ने पूजा तड़स को सुरक्षा प्रदान की थी.
पंकज तड़स ने इल्जाम लगाया कि चुनाव से ठीक पहले दो राजनेता उनके पिता को बदनाम करने में शामिल थे. इस तरह के कोशिश 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी किए गए थे और यहां तक कि ताजा मुद्दा भी उनके पिता (रामदास तड़स) की छवि खराब करने के लिए विपक्षी दलों की षड्यंत्र है.
पूजा तड़स ने अपने ससुर के विरुद्ध वर्धा लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय किया है. सुषमा अंधारे ने बोला कि वह इन्साफ के लिए रो रही एक व्यथित स्त्री का समर्थन करेंगी.