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पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने लोकसभा चुनाव के लिए जारी किया घोषणापत्र

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने लोकसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी का घोषणापत्र जारी किया. महबूबा मुफ्ती ने बोला कि हम कोई बड़ी पार्टी नहीं हैं, हम जम्मू और कश्मीर के हालातों को ध्यान में रखते हुए एक छोटा घोषणापत्र जारी कर रहे हैं. भी सबसे बड़ी जिम्मेदारी संसद में जाकर वहां के लोगों के दर्द को आवाज देना है. भूमि-संबंधी कानून जो राज्य सूची के भीतर थे, उन्हें बदल दिया गया जिसके परिणामस्वरूप हमारे संसाधन चाहे वह बिजली, पानी या लिथियम हो, बाहरी लोगों को उपहार में दिए जाने लगे. विकास कार्यों का ठेका बाहरी लोगों को दिया जा रहा है. जॉब देने के बजाय लोगों को जॉब से हटाया जा रहा है.

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा ने बोला कि पीडीपी का वोट मांगने का मुख्य उद्देश्य संसद के माध्यम से राष्ट्र को यह बताना है कि 2019 में भाजपा ने जो किया वह स्वीकार्य नहीं है पुलवामा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने बोला कि एकतरफा फैसले, सही आवाजों को दबाना और कानूनी गारंटी का क्षरण जम्मू और कश्मीर के लोगों को अस्वीकार्य है. पिछले 5 वर्षों से कई युवा बिना किसी सबूत के कारावास में हैं और कोई इस पर बात नहीं कर रहा है. बागवानी पर नकारात्मक असर पड़ा है. ईडी, सीबीआई, आईटी के माध्यम से व्यापारियों पर छापे मारे जा रहे हैं.

बयान के मुताबिक हम संसद में राष्ट्र की जनता को यह बताएंगे. यही कारण है कि हमारे वोटों को बांटने की कोशिशों को असफल किया जाना चाहिए. उन्होंने जम्मू और कश्मीर की वर्तमान स्थिति की एक गंभीर तस्वीर पर प्रकाश डाला और पूर्ववर्ती राज्य को खुली हवा वाली कारावास में बदलने पर अफसोस जताया. उन्होंने विभिन्न राज्यों की जेलों में बंद युवाओं और बढ़ती बेरोजगारी रेट के साथ लोगों की दुर्दशा पर भी प्रकाश डाला. बीजेपी (भाजपा) पर तीखा धावा करते हुए उन्होंने उन पर जम्मू और कश्मीर के लोगों के अधिकारों और संसाधनों को छीनने और उन्हें बंधुआ मजदूरी की स्थिति की ओर धकेलने का इल्जाम लगाया.उन्होंने पीडीपी संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद की विरासत का भी जिक्र किया और उन्हें सियासी उथल-पुथल के समय लोगों में आशा जगाने और सम्मान बहाल करने का श्रेय दिया. जब राज्य में पोटा लगाया गया था और एसओजी के अतिरिक्त अन्य बंदूकधारी आतंक फैला रहे थे, तो लोगों ने सारी उम्मीदें खो दी थीं. यह मुफ़्ती मोहम्मद सईद ही थे जिन्होंने लोगों को सम्मानजनक जीवन देने की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ली. जब पहली बार पीडीपी ने जम्मू और कश्मीर में गवर्नमेंट बनाई तो चीजें बदल गईं और लोगों ने राहत की सांस ली.

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