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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल लाल नेहरू के इस बात के लिए बोला हमला

PM Modi Lok Sabha Speech:  “15 अगस्त 1959 को लालकिले से राष्ट्र के प्रथम पीएम जवाहरलाल लाल नेहरू ने ऐसा क्या बोला जिसे आज नरेंद्र मोदी ने सबके सामने निचले सदन में हाईलाइट किया है

नेहरू ने 1959 में बोला था कि “हिंदुस्तान में काफी मेहनत करने की आदत आमतौर पर नहीं है हम उतना मेहनत नहीं करते जितना यूरोपी, चीन, जापान और अमेरिका वाले कहते हैं ये ना समझिए ये कौमें जादू से खुशहाल हुई है, वे मेहनत और अक्ल से हुई है हम भी मेहनत और अकल से आगे बढ़ सकते हैं उनकी ऐसी सोच थी कि भारतीय आलसी होते हैं”

इंदिरा की सोच भी कोई अलग नहीं थी इंदिरा जी ने बोला था कि हमारी आदत ये है कि जब कोई शुभ काम पूरा होने को होता है तो हम आत्मतुष्टि की भावना से भर जाते हैं और जब कोई मुश्किल आ जाती है तो हम नाउम्मीद हो जाते हैं कभी-कभी तो ऐसा लगने लगता है कि पूरे देश ने ही हार भावना को अपना लिया है ये सोच है इनकी हमारे राष्ट्र के, हिंदुस्तानियों के प्रति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार  (5 फरवरी)  को राष्ट्र के प्रथम पीएम जवाहरलाल लाल नेहरू पर इस बात के लिए धावा कहा कि उन्होंने हिंदुस्तानियों को आलसी कहा था उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा, “15 अगस्त को लालकिले से पीएम नेहरू ने बोला था कि ‘हिंदुस्तान में काफी मेहनत करने की आदत आमतौर पर नहीं है हम इतना काम नहीं करते जितना विदेशी राष्ट्रों के लोग करते हैं

मोदी ने कांग्रेस पार्टी समेत विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए लोकसभा में बोला कि विपक्ष ने लंबे समय तक सत्ता से बाहर रहने का संकल्प लिया है साथ ही बोला कि विपक्ष ने जो संकल्प किया है, मैं उसकी सराहना करता हूं इससे मेरा और राष्ट्र का विश्वास पक्का हो गया है अब कई दशक तक जैसे यहां बैठे थे, वैसे ही कई दशक तक वहां बैठने का आपका संकल्प जनता जनार्दन पूरा करेगी

कौन थे  नेहरू

भारत के स्वतंत्र होने के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू हिंदुस्तान के पहले पीएम बने थे स्वतंत्रता संग्राम और हिंदुस्तान के निर्माण के लिए उन्हें 1955 में हिंदुस्तान रत्न से सम्मानित भी किया गया था उनका जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था नेहरू जी एक अमीर ब्राह्मण परिवार से थे बता दें, उन्होंने इंग्लैंड के हैरो स्कूल, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और लंदन के इनर टेम्पल में शिक्षा हासिल की है साथ ही डिस्कवरी ऑफ इण्डिया को भी प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1942-1945 में अहमदनगर किले में कैद के दौरान लिखा था डिस्कवरी ऑफ इण्डिया की यात्रा प्राचीन इतिहास से प्रारम्भ होती है, जो ब्रिटिश राज के आखिरी सालों तक चलती है

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