प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘संपत्ति बांटने’ वाले बयान पर छिड़ा राजनीतिक संग्राम
Asaduddin Owaisi News: मौसम में गर्मी बढ़ने के साथ-साथ राजनीति का थर्मामीटर भी ऊपर चढ़ने लगा है। के लिए प्रचार करते हुए नेताओं के तेवर तीखे होने लगे हैं। पीएम मोदी के ‘संपत्ति बांटने’ वाले बयान पर सियासी संग्राम छिड़ा। मोदी ने इल्जाम लगाया था कि कांग्रेस पार्टी ‘देश की संपत्ति उन लोगों को बांटना चाहती है जिनके अधिक बच्चे हैं।‘ कांग्रेस पार्टी समेत अनेक दलों ने इसे सीधे मुस्लिमों पर धावा बताया। AIMIM के प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कंडोम का जिक्र छेड़ दिया। ओवैसी ने दावा किया कि राष्ट्र में सबसे अधिक कंडोम का इस्तेमाल मुस्लिम करते हैं। ओवैसी ने एक वीडियो में कहा, ‘वज़ीर-ए-आज़म कहते हैं कि मुसलमान अधिक बच्चे पैदा कर रहे हैं। मोदी गवर्नमेंट का स्वयं का डेटा कहता है कि मुस्लिमों में प्रजनन रेट घटी है, लेकिन वो कहते हैं कि हम अधिक बच्चे पैदा कर रहे हैं।‘ ओवैसी के मुस्लिमों में प्रजनन रेट घटने और सबसे अधिक कंडोम यूज के दावे की हकीकत क्या है, आगे जानिए।
भारत में मुसलमान प्रजनन रेट क्या है?
ओवैसी जिस सरकारी डेटा की बात कर रहे हैं, वह राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 की रिपोर्ट है। 2019-2021 के बीच हुए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS-5) में सभी धर्मों के बीच प्रजनन रेट के आंकड़े रखे गए थे। यह सर्वे केंद्र गवर्नमेंट का स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) कराता है। NFHS-5 के मुताबिक, पिछले दो दशकों में मुसलमान प्रजनन रेट सभी धर्मों में सबसे तेजी से कम हुई है। 1992-93 में हुए पहले सर्वे में मुसलमान प्रजनन रेट 4.4 थी। 2019-21 में हुए पांचवें सर्वे के दौरान, मुसलमान प्रजनन रेट 2.3 दर्ज की गई। यानी एक मुसलमान स्त्री अपने जीवनकाल में औसतन 2.3 बच्चों को जन्म दे रही थी।
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के अनुसार, सभी धर्मों में मुस्लिमों की प्रजनन रेट अब भी सबसे अधिक है। हिंदुओं में प्रजनन रेट 1.94 दर्ज की गई। सर्वे के आंकड़े देखें तो हिंदुओं और मुस्लिमों की प्रजनन रेट का अंतर बड़ी तेजी से घट रहा है
सबसे अधिक कंडोम कौन यूज करता है?
सर्वे में परिवार नियोजन के आधुनिक उपायों के इस्तेमाल का आंकड़ा भी शामिल था। NFHS-4 में जहां 37.9 फीसदी मुस्लिमों ने आधुनिक कॉन्ट्रासेप्टिव्स का इस्तेमाल करने की बात कही थी। NFHS-5 में 47.4% मुस्लिमों ने बोला कि वे मॉडर्न कॉन्ट्रासेप्टिव्स का यूज करते हैं। NFHS-5 के अनुसार, 32 प्रतिशत मुसलमान पुरुष मानते हैं कि गर्भनिरोधन स्त्रियों की जिम्मेदारी हैं।
NFHS-5 के अनुसार, गर्भनिरोधक गोलियों का प्रयोग मुस्लिमों में सबसे अधिक है। कंडोम का यूज करने में मुस्लिमों का नंबर सिखों और जैनियों के बाद तीसरा है। यानी ओवैसी का यह बोलना कि सबसे अधिक मुसलमान पुरुष सबसे अधिक कंडोम यूज करते हैं, ठीक नहीं है। राष्ट्र में कंडोम का सबसे अधिक इस्तेमाल जैन पुरुष करते हैं।
पीएम मोदी के बयान पर आया था ओवैसी का पलटवार
आवैसी ने अपने वीडियो में बोला कि यह एकदम असत्य है कि मुसलमान इस राष्ट्र में अधिक हो जाएंगे। AIMIM नेता ने बोला कि हिंदुस्तान में हमेशा हिंदू ही बहुसंख्यक रहेंगे। ओवैसी ने X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट में कहा, ‘नरेंद्र मोदी की की एक ही गारंटी है, दलितों और मुसलमानों से नफ़रत करो। एक देश का वज़ीर-ए-आज़म इस देश की 15 फ़ीसद अवाम को घुसपैठिया कहता है, इससे शर्मनाक बात कुछ और नहीं हो सकती।‘
पीएम मोदी ने राजस्थान की एक चुनावी रैली में कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए बयान दिया था। मोदी ने बोला था, ‘ये कांग्रेस पार्टी का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की गवर्नमेंट ने बोला था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है।‘