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प्रभु श्रीराम का नाम लेकर बीजेपी और विपक्ष के बीच जमकर चली जुबानी जंग

संसद में प्रभु श्रीराम का नाम लेकर भाजपा ने आज लोकसभा चुनाव का शंखनाद किया छुट्टी के दिन आज संसद का सत्र बुलाया गया है राम मंदिर के निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया गया इस दौरान भाजपा और विपक्ष के बीच जमकर जुबानी जंग चली एआईएमआईएम प्रमुख  असदुद्दीन ओवैसी ने बाबरी ढांचा गिराए जाने का मुद्दा उठा दिया और पूछा कि किस बात का उत्सव मनाया जा रहा है जिसके उत्तर में गृहमंत्री अमित शाह ने बोला कि 500 वर्ष बाद न्याय मिला है, इन्साफ की जीत का उत्सव मन रहा है

‘क्या मोदी गवर्नमेंट केवल एक मजहब की गवर्नमेंट है?’

संसद में राम मंदिर के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान औवेसी ने केंद्र गवर्नमेंट पर जोरदार धावा किया ओवैसी ने कहा, ”बाबरी मस्जिद जिंदाबाद, बाबरी मस्जिद जिंदाबाद… मस्जिद थी, है और रहेगी” केंद्र को निशाने पर लेते हुए ओवैसी ने कहा, ”क्या मोदी गवर्नमेंट केवल एक मजहब की गवर्नमेंट है? क्या मोदी गवर्नमेंट केवल हिन्दुत्व की गवर्नमेंट है? क्या राष्ट्र का कोई मजहब है? राष्ट्र का कोई मजहब नहीं है… मुसलमानों को क्या पैगाम दे रहे हैं आप?”

‘मैं बाबर, औरंगजेब या जिन्ना का प्रवक्ता नहीं हूं’

अयोध्या का जिक्र करते हुए ओवैसी ने कहा, ”मोदी गवर्नमेंट केवल एक मजहब की गवर्नमेंट है? या पूरे राष्ट्र के धर्मों को मानने वाली गवर्नमेंट है? 22 जनवरी का उत्सव मनाकर आप करोड़ों  मुसलमानों को क्या मैसेज दे रहे हैं? क्या यह गवर्नमेंट यह संदेश देना चाहती है कि एक धर्म ने  दूसरे पर विजय प्राप्त की? आप राष्ट्र के 17 करोड़ मुसलमानों को क्या संदेश देते हैं? 1992, 2019,  2022 में मुसलमानों को विश्वासघात दिया, मैं बाबर, औरंगजेब , जिन्ना का प्रवक्ता नहीं हूं

‘मैं राम की इज्जत करता हूं लेकिन नाथूराम से नफरत करता हूं’

ओवैसी ने आगे कहा, ”6 दिसंबर 1992 के बाद राष्ट्र में फसाद हुआ था नौजवानों को कारावास में डाला गया और वो बूढ़े होकर बाहर निकले मैं राम की इज्जत करता हूं लेकिन नाथूराम से नफरत करता हूं क्योंकि उसने उस आदमी की मर्डर की थी जिसके आखिरी शब्द ‘हे राम’ थे

 

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