भगोड़े माल्या-मोदी की खैर नहीं, सीबीआई हेडक्वार्टर पहुंचे ब्रिटिश अफसर
India-UK Latest News: विदेशों में छुपे हुए भगोड़ों को वापस लाने के लिए हिंदुस्तान ने प्रयास तेज कर दी है. इसके लिए मोदी गवर्नमेंट ने ब्रिटिश ऑफिसरों के सामने मामला उठाया है. सोमवार को दिल्ली दौरे पर पहुंचे ब्रिटेन के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने नयी दिल्ली में CBI मुख्यालय का दौरा किया तो भगोड़े अपराधियों के मामले पर गहनता से चर्चा की गई. हिंदुस्तान और यूनाइटेड किंगडम के अफसरों ने आपसी कानूनी सहायता में तेजी लाने और कई भारतीय भगोड़ों से जुडॉ़े प्रत्यर्पण अनुरोधों को अहमियत के आधार पर पूरा करने पर चर्चा की.
बताते चलें कि किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमोटर विजय माल्या, हथियार डीलर संजय भंडारी और हीरा व्यवसायी नीरव मोदी सहित कई भारतीय भगोड़े ब्रिटेन में छिपे हुए हैं. जिन्हें हिंदुस्तान वापस लाने के लिए मोदी गवर्नमेंट काफी समय से कोशिश कर रही है. हालांकि अभी तक गवर्नमेंट के इन प्रयासों को कामयाबी नहीं मिल पाई. दोनों राष्ट्रों के कानूनों में अंतर का लाभ उठाकर भगोड़े अब तक हिंदुस्तान वापस लाए जाने से बचे हुए हैं.
सीबीआई हेडक्वार्टर पहुंचे ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल में ब्रिटिश पुलिस सेवाओं के कार्यकारी निदेशक और इंटरपोल के महासचिव पद के लिए यूके के उम्मीदवार स्टीफन कवानाघ शामिल थे. उनके साथ हिंदुस्तान में ब्रिटेन की कार्यवाहक उच्चायुक्त क्रिस्टीना स्कॉट, ब्रिटेन की राष्ट्रीय क्राइम एजेंसी से रॉबर्ट होल्नेस और ब्रिटेन के गृह कार्यालय से सोरेल इवांस शामिल रहे.
सीबीआई हेडक्वार्टर पहुंचे ब्रिटिश अफसर
सीबीआई के डायरेक्टर प्रवीण सूद और एजेंसी के दूसरे वरिष्ठ ऑफिसरों ने ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल का हेडक्वार्टर में स्वागत किया. इस दौरान कानून प्रवर्तन के विभिन्न क्षेत्रों में यूके के साथ परिचालन योगदान बढ़ाने के बारे में विस्तृत चर्चा की गई. इनमें दोनों राष्ट्रों में आपराधिक खुफिया जानकारी शेयर करने, वित्तीय अपराधों, संगठित अपराधों और आतंकवाद से निपटने के प्रयासों का समर्थन करना शामिल रहे. इसके साथ ही साइबर क्राइम और दूसरे अंतर्राष्ट्रीय खतरों से भी साझा तौर पर निपटने के तरीकों पर चर्चा की गई.
सीबीआई प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि दोनों राष्ट्रों ने पूरे विश्व में फैल रहे आपराधिक नेटवर्क को समाप्त करने के लिए इंटरपोल समेत बाकी चैनलों का कारगर ढंग से इस्तेमाल करने पर भी सहमति व्यक्त की. इसके साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और पारस्परिक कानूनी सहायता में तेजी लाने पर भी बल दिया गया. इसते साथ ही प्रत्यर्पण अनुरोधों को अहमियत देने और आम सुरक्षा चुनौतियों को कारगर ढंग से सुलटाने के लिए मिलकर काम करने की बात भी दोहराई गई.
अपराधियों पर मिलकर नकेल कसेंगे भारत- यूके
रक्षा जानकारों के अनुसार ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा यूके और हिंदुस्तान के बीच अंतर्राष्ट्रीय योगदान को मजबूत करने की दिशा में जरूरी कदम है. भारतीय एजेंसियां ब्रिटेन स्थित कई खालिस्तानी अलगाववादियों और वांछित आतंकी समर्थकों के प्रत्यर्पण का कोशिश कर रही हैं. हालांकि उन्हें अभी तक इसमें सफलता नहीं मिल पा रही है. बताया जा रहा है कि प्रतिनिधिमंडल की इस यात्रा के बाद इस दिशा में काम तेज होगा और गवर्नमेंट को कुछ कामयाबी हाथ लग सकती है.