मुख्तार अंसारी : दिल का दौरा पड़ने से न्यायिक हिरासत में मौत
मुख्तार 2005 से कारावास में कैद था और उस पर 65 से अधिक मुद्दे लंबित थे. इसमें से 25 मुद्दे तो तब बने, जब वो कारावास में कैदी था. आठ मामलों में उत्तर प्रदेश की कई अदालतों ने उसे सज़ा सुना दी थी. नवम्बर, 2005 में जब मुख्तार और उसके रैकेट के लोगों ने गाज़ीपुर में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय और 6 अन्य लोगों की दिनदहाड़े मर्डर कर दी, तो मुख्तार का नाम राष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियों में आया. पिछले वर्ष एक सांसद-विधायक न्यायालय ने मुख्तार को कृष्णानंद राय की मर्डर के इल्जाम में 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई थी. इस वर्ष मार्च में एक नकली हथियार लाइसेंस के मुद्दे में न्यायालय ने मुख्तार को आजीवन कारावास की सजा सुना दी. पिछले वर्ष वाराणसी के एक न्यायालय ने व्यवसायी अवधेश ऱाय की 1991 में हुई मर्डर के इल्जाम में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई. अवधेश राय यूपी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई हैं. अजय राय इस बार वाराणसी में पीएम मोदी के विरुद्ध लोकसभा चुनाव लड़ने वाले हैं.
1997 में कोयला व्यवसायी नंदकिशोर रुंगटा के किडनैपिंग और मर्डर के मुद्दे में भी मुख्तार आरोपी था. उसे 2019 में उत्तर प्रदेश के बांदा से पंजाब की रोपड़ कारावास भेजा गया क्योंकि बांदा कारावास से किसी ने मोहाली के एक बिल्डर को टेलीफोन करके 10 करोड़ रु। की वसूली मांगी थी. मुख्तार दो वर्ष रोपड़ कारावास में रहा. 2021 में यूपी गवर्नमेंट ने उच्चतम न्यायालय में गुहार लगाई कि मुख्तार को उत्तर प्रदेश वापिस भेजा जाय. तब मुख्तार को बांदा कारावास लाया गया. मुख्तार अंसारी 5 बार विधायक चुने गये, दो बार निर्दलीय के रूप में, दो बार बसपा के उम्मीदवार के रूप में, और पांचवी बार अपनी पार्टी कौमी एकता दल के टिकट पर. मुख्तार अंसारी और उनके दो भाई अफज़ल और सिबगतुल्लाह का पूर्वांचल के वोटरों में काफी रसूख है, लेकिन मुख्तार की मृत्यु के साथ ही जरायम की दुनिया में एक्टिव एक जीवन पर पूर्णविराम लग गया है.