राष्ट्रीय

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को आलाकमान से मिल गया जीवनदान

Himachal Pradesh Government: हिमाचल प्रदेश में उठापटक का दौर जारी है. ऐसे में लग रहा है कि फिलहाल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को आलाकमान से जीवनदान मिल गया है. लेकिन सवाल है कि आखिर यह जीवनदान कितने दिनों तक मिल पाएगा. क्योंकि अभी संकट के बादल पूरी तरह से नहीं हटे हैं. कांग्रेस के नेता और इस पूरे मामले में आलाकमान की तरफ से वहां भेजे गए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि राज्यसभा चुनाव में हार दुखद है. किन कारणों से हम हारे हैं, ये सब जानते हैं. फिलहाल आपसी मतभेद खत्म है और हम लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करेंगे.

 

इसके साथ ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया है कि 6 मेंबर की कॉर्डिनेशन कमेटी गठित होगी और आलाकमान नाम जारी करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे. हुड्डा के इस बयान से तो लग रहा है कि सुक्खू ने अपनी कुर्सी बचा ली है लेकिन यह बड़ा सवाल होगा कि उनकी कुर्सी कब तक बची रहेगी क्योंकि वहां कांग्रेस नेताओं में भारी असंतोष है.

सिंघवी की हार की जिम्मेदारी सुक्खू ने ली..
उधर राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी की हार की जिम्मेदारी भी खुद सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ले ली है. इससे पहले हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने गुरुवार को ही छह कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया. इन विधायकों ने राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए हाल ही में हुए चुनाव में ‘क्रॉस वोटिंग’ की थी. अयोग्य घोषित किए गए विधायकों में राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, इंद्रदत्त लखनपाल, देवेंद्र कुमार भुट्‌टो, रवि ठाकुर और चैतन्य शर्मा शामिल हैं.

क्या होगा इन 6 नेताओं का भविष्य
असल में इन छह विधायकों ने राज्यसभा के लिए बीजेपी के एकमात्र उम्मीदवार के समर्थन में क्रॉस वोटिंग की थी. अब सवाल है कि उनका भविष्य क्या होगा. वैसे तो अब कांग्रेस के लिए उनके दरवाजे बंद हो गए हैं और उनके पास बीजेपी जॉइन करने का विकल्प है. इस बीच, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस विधायकों को यहां नाश्ते पर बैठक के लिए बुलाया. विक्रमादित्य सिंह समेत चार विधायक सीएम आवास नहीं पहुंचे.

बैठक के बाद फील गुड लेकिन..
इस बैठक के बाद वहां क्या हुआ और कितने विधायक वहां मौजूद थे, इसका तत्काल पता नहीं चल सका, लेकिन ज्यादातर विधायकों ने कहा कि सरकार स्थिर है और अपना कार्यकाल पूरा करेगी. नाश्ता बैठक जारी रहने के बीच हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष पठानिया ने छह बागी कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित करने की घोषणा की. पठानिया ने बुधवार को विधायकों की अयोग्यता पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था. उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि विधायकों ने कांग्रेस व्हिप की अवहेलना की जिसके कारण उन पर दलबदल रोधी कानून लागू होता है क्योंकि वे पार्टी के टिकट पर चुने गए थे.

विक्रमादित्य सिंह अभी भी बागी बने हुए..
वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि ये छह विधायक अयोग्य घोषित किए जाते हैं और ये तत्काल प्रभाव से हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य नहीं रहेंगे. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में बीजेपी ने मंगलवार को राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट जीत ली थी और इसके उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को हरा दिया था. वहीं राजनीतिक संकट के बीच, हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को घोषणा की कि वह सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद छोड़ रहे हैं, लेकिन कुछ घंटों बाद उन्होंने कहा कि वह अपने इस्तीफे के लिए दबाव नहीं डालेंगे.

इसी बीच कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षकों-भूपेंद्र सिंह हुड्डा और डीके शिवकुमार ने विधानसभा भवन के पास एक होटल में पार्टी विधायकों के साथ बैठक की, लेकिन राज्यसभा चुनाव के दौरान ‘क्रॉस वोटिंग’ करने वाले छह विधायक वहां नहीं थे.

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