मुफ्त अनाज योजना से गुमराह न हो गरीब जनता
बदायूं (उत्तर प्रदेश) . बसपा (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को केन्द्र गवर्नमेंट की निःशुल्क अनाज योजना को छलावा बताते हुए बोला कि जनता इससे प्रभावित न हो क्योंकि यह अनाज पीएम नरेन्द्र मोदी या सत्तारूढ़ बीजेपी (भाजपा) की जेब से नहीं बल्कि स्वयं गरीब जनता की गाढ़ी कमाई से दिया जा रहा है. मायावती ने यहां एक चुनावी जनसभा में जनता को विरोधी पार्टियों के खोखले वादों से आगाह करते हुए बीजेपी पर कांग्रेस पार्टी की ही तरह जांच एजेंसियों का राजनीतिकरण करने का इल्जाम लगाया.
बसपा प्रमुख ने केन्द्र गवर्नमेंट की निःशुल्क अनाज योजना का जिक्र करते हुए बोला कि वे (भाजपा नेता) लोगों से कहते हैं कि बीजेपी और मोदी ने उन्हें निःशुल्क राशन दिया है और उन्हें बीजेपी को वोट देकर यह ऋण चुकाना चाहिए, मगर लोगों को इससे गुमराह नहीं होना चाहिए. उन्होंने बोला कि जो निःशुल्क राशन दिया जा रहा है वह मोदी जी या बीजेपी की जेब से नहीं आ रहा है, बल्कि यह कर के रूप में दिये गये आपके ही पैसे से दिया जा रहा है. मायावती ने बोला कि लोगों को यह सोचने की आवश्यकता नहीं है कि यह कोई ऋण है जिसे चुकाना होगा.
उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि गरीब लोगों की जटिल परेशानी सिर्फ़ हर हाथ को काम देने से ही समाप्त होगी. यदि गवर्नमेंट बनाने का मौका मिला तो उनकी पार्टी इस पर ध्यान देगी. बीएसपी अध्यक्ष ने सपा (सपा) पर निशाना साधते हुए इल्जाम लगाया कि ज्यादातर देखा गया है कि जहां मुसलमान मतदाताओं की संख्या अधिक है, वहां समाजवादी पार्टी अपने परिवार के किसी आदमी को टिकट देती है और जहां हिंदू संख्या में अधिक हैं, वहां मुसलमान उम्मीदवार खड़ा करती है. यह सपा का चरित्र है. उन्होंने इल्जाम लगाया कि बड़ी संख्या में मुसलमान जनसंख्या वाले बदायूं के मुद्दे में समाजवादी पार्टी ने अपने परिवार के ही सदस्य (आदित्य यादव) को उम्मीदवार बनाया है.
मायावती ने इस बात पर भी बल दिया कि उनकी पार्टी बीएसपी में टिकट आवंटन को लेकर कोई भेदभाव नहीं है और सभी वर्गों को मुनासिब अगुवाई दिया गया है. अपने सियासी विरोधियों पर धावा बोलते हुए बीएसपी अध्यक्ष ने इल्जाम लगाया कि कांग्रेस पार्टी की तरह बीजेपी ने भी जांच एजेंसियों का राजनीतिकरण कर दिया है. उन्होंने इल्जाम लगाया कि पिछले कुछ सालों में मुसलमानों और धार्मिक अल्पसंख्यकों की तरक्की रुक गई है और हिंदुत्व की आड़ में अत्याचार और उत्पीड़न चरम पर है.
मतदाताओं से कांग्रेस, बीजेपी और उनके समर्थक दलों को सत्ता में आने से रोकने का आह्वान करते हुए बीएसपी अध्यक्ष ने आगाह किया कि ये दल सत्ता में आने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे मगर उन्हें रोकने के लिये उनकी पार्टी के लोगों को रहना होगा. रैली के दौरान मायावती ने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों बदायूं से मुसलमान खान, आंवला से आबिद अली और संभल से सौलत अली के लिए समर्थन मांगा और जनता से उन्हें विजयी बनाने की अपील की. इन तीनों सीट पर लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में सात मई को मतदान होगा.