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मेनका गाँधी के आरोपों पर आई कोऑपरेटिव सोसाइटी की ये प्रतिक्रिया

नई दिल्ली: बीजेपी सांसद मेनका गाँधी ने Amul पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसे डेयरी कोऑपरेटिव सोसाइटी ने नकार दिया है. सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो में एक साक्षात्कार के चलते वो इससे सहमति नहीं जताती हुई नजर आ रही हैं कि Amul किसानों की सहायता करता है, उनका बोलना है कि वो सिर्फ़ गायों को बड़ा करने और उन्हें बेचने और उनके क़त्ल में किसानों की सहायता करता है. साथ ही उन्होंने Amul पर कई गायों की मर्डर का इल्जाम मढ़ते हुए बोला कि जैन समुदाय की सबसे अधिक जनसंख्या गुजरात में है, अमूल भी गुजरात में स्थित है और सबसे अधिक गोहत्या भी गुजरात में ही होती है.

लोकसभा चुनाव 2024 में सुल्तानपुर से भाजपा उम्मीदवार मेनका गाँधी बोलती हैं, “प्रतिदिन कई ट्रकों में भर कर गायों को महाराष्ट्र के Allana (बीफ कंपनी) में ले जाया जाता है. इन सभी को मार डाला जाता है. ये गाये डेयरी से ले जाई जाती हैं. यदि मैं गलत नहीं हूँ तो हिंदुस्तान में पहला बूचड़खाना Amul ने ही स्थापित किया था. उन्होंने गोवा में ऐसा किया, क्योंकि वो गुजरात में ये नहीं कर सके. डेयरी वाले जानते हैं कि वो मीट इंडस्ट्री के लिए एक बिचौलिए हैं.” मेनका गाँधी ने ये भी बोला कि यदि आप दूध पीते हैं तो आप गोहत्या में हिस्सा ले रहे हैं, आप समझिए कि मीट खा रहे हैं. इंस्टाग्राम पर मेनका गाँधी के इस वीडियो में Amul के टैगलाइन से छेड़छाड़ करते हुए ‘अमूल खून पीता है इंडिया’ लिख कर शेयर किया गया.

हालाँकि, Amul ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए वास्तविकता बताई है. कोऑपरेटिव सोसाइटी ने बोला है कि गोवा में उसके द्वारा बूचड़खाना स्थापित किए जाने की फर्जी समाचार सोशल मीडिया और व्हाट्सएप्प में फ़ैल रही है. अपने बयान में Amul ने साफ किया है कि ये एक फर्जी समाचार है, इस वीडियो में कई अन्य बेबुनियाद दावे किए गए हैं जो गलत हैं, फर्जी हैं. Amul ने बोला कि ऐसा कर के वो लोग उन लाखों स्त्री किसानों के सहयोग का अपमान कर रहे हैं जिन्होंने बीते 77 वर्षों में कई पीढ़ियों को पोषण दिया है, हिंदुस्तान में फ़ूड सिक्योरिटी सुनिश्चित की है. हिंदुस्तान के सबसे बड़े दुग्ध उत्पादन होने का जिक्र करते हुए Amul ने बोला कि डेयरी इंडस्ट्री में हमारा राष्ट्र आत्मनिर्भर है. Amul ने कहा, “डेयरी इंडस्ट्री ने हमारी स्त्री किसानों को सम्मान दिया है, रोजगार दिया है तथा उनके लिए नियमित आय की प्रबंध की है. गुजरात के 36 लाख किसान जिनके पास Amul का स्वामित्व है, हम आश्वासन देते हैं कि ये लोग पशुओं का अपने परिवार के सदस्यों की भांति ख्याल रखते हैं. उन्हें प्यार प्राप्त होता है, उनका ध्यान रखा जाता है और हर उम्र में उनके लिए अच्छे इलाज की प्रबंध की जाती है.

इस वीडियो का इस्तेमाल भ्रामक सूचनाएँ फैलाने और ग्राहकों में गैर-ज़रूरी डर एवं चिंता बिठाने के लिए किया जा रहा है.” Amul ने अंत में अपने बयान में अनुरोध किया है कि उसके इस सन्देश को रिश्तेदारों-दोस्तों तक फैलाएँ तथा उन्हें आश्वस्त करें कि Amul एक उत्तरदायी ब्रांड है और इसके 36 लाख किसान अपने पशुओं से प्यार करते हैं, उनकी सुरक्षा करते हैं एवं उनका ध्यान रखते हैं. कोऑपरेटिव सोसाइटी ने किसी भी प्रश्न के उत्तर के लिए उसके नंबर 18002593333 पर कॉल करने को बोला है. बता दें कि ‘गुजरात मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन’ की स्थापना गुजरात के आणंद में दिसंबर 1946 में हुई थी. ये हिंदुस्तान की ‘श्वेत क्रांति’ का जरूरी हिस्सा है.

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