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मोदी सरकार के इन तीन कानूनों से खुश CJI चंद्रचूड़, बोले…

हिंदुस्तान के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को राष्ट्र में तीन नए आपराधिक कानून बनाए जाने की खूब प्रशंसा की. उन्होंने बोला कि यह हिंदुस्तान के बदलने का “स्पष्ट संकेत” है. सीजेआई के अनुसार, नए कानूनों ने अपराधी जस्टिस को लेकर हिंदुस्तान के कानूनी ढांचे को एक नए युग में बदल दिया है. उन्होंने ‘आपराधिक इन्साफ प्रणाली के प्रशासन में हिंदुस्तान का प्रगतिशील पथ’ विषय पर यहां आयोजित एक सम्मेलन में बोला कि नए कानून तभी सफल होंगे यदि ‘‘हम नागरिकों के रूप में उन्हें अपनाएं.’’

प्रधान न्यायाधीश ने नए आपराधिक इन्साफ कानूनों के लागू होने को समाज के लिए ऐतिहासिक क्षण बताते हुए बोला कि हिंदुस्तान अपनी आपराधिक इन्साफ प्रणाली में जरूरी परिवर्तन के लिए तैयार है. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने बोला कि नए अधिनियमित कानूनों ने आपराधिक इन्साफ पर हिंदुस्तान के कानूनी ढांचे को एक नए युग में बदल दिया है. उन्होंने बोला कि पीड़ितों के हितों की रक्षा करने और अपराधों की जांच एवं अभियोजन में कुशलता के लिए अत्यावश्यक सुधार किए गए हैं.

सीजेआई ने कहा, ‘‘संसद द्वारा इन कानूनों को पास किया जाना इस बात का साफ संकेत है कि हिंदुस्तान बदल रहा है एवं आगे बढ़ रहा है और मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए नए कानूनी उपकरणों की आवश्यकता है.’’ चंद्रचूड़ के मुताबिक, नए कानून तभी सफल होंगे जब इन्हें लागू करने की जिम्मेदारी संभालने वाले लोग इन्हें अपनाएंगे. इस सम्मेलन में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी उपस्थित थे.

देश की आपराधिक इन्साफ प्रणाली को पूरी तरह से बदलने के लिए नए बनाए गए कानून ‘भारतीय इन्साफ संहिता’, ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता’ और ‘भारतीय साक्ष्य अधिनियम’ एक जुलाई से लागू होंगे. हालांकि, ‘हिट-एंड-रन’ के मामलों से संबंधित प्रावधान को तुरंत लागू नहीं किया जाएगा. तीनों कानूनों को पिछले वर्ष 21 दिसंबर को संसद की स्वीकृति मिली थी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को इन्हें स्वीकृति दी थी.

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