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सुरजीत भल्ला : राहुल गांधी को लेकर कोई प्रमाण नहीं है कि वह प्रभावशाली लीडर होंगे या…

हिंदुस्तान के जाने माने अर्थशास्त्री, लेखक और स्तंभकार, मोदी गवर्नमेंट के दूसरे कार्यकाल में आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य रहे और तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में हिंदुस्तान के कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत रह चुके सुरजीत भल्ला ने आईएएनएस से राष्ट्र की सामाजिक, आर्थिक और सियासी मुद्दों पर खास वार्ता की. उन्होंने इस वार्ता में अपनी राय रखते हुए कहा कि वह क्यों राहुल गांधी को एक राजनेता के रूप में नहीं देखते हैं.

उन्होंने आईएएनएस के साथ इंटरव्यू में राहुल गांधी के प्रश्न पर उत्तर देते हुए कहा, लीडरशिप बहुत बड़ी बात होती है. राहुल गांधी को लेकर कोई प्रमाण नहीं है कि वह प्रभावशाली लीडर होंगे या नहीं. 2013 में उन्होंने अपनी गवर्नमेंट का ऑर्डिनेंस फाड़ दिया था सबके सामने. जो लीडर होते हैं, वह ऐसा नहीं करते हैं. तब, मनमोहन सिंह की गवर्नमेंट थी. वह तब अपनी गवर्नमेंट के विरुद्ध हो गए थे. इस समय जो भी चुनाव होता है, वह चेहरे के ऊपर होता है. इस समय विपक्ष का चेहरा कौन है. मुझे तो कोई दिखता नहीं है. विपक्ष में 50 चेहरे हैं. वहीं, बीजेपी का एक चेहरा है पीएम मोदी. यह एक और वजह है कि भाजपा अच्छा करेगी.

उन्होंने कहा, आज सारी दुनिया में एजुकेशन बढ़ गई है. आपके परिवार में कोई लीडर था ऐसे में आपको यह नौकरी मिलना चाहिए. चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी के अंदर चर्चा होनी चाहिए कि क्या कोई डायनेस्ट्स है, उसको हम चुनाव के लिए उतारेंगे और वोट देंगे. मेरे ख्याल से वह जमाना गया. अब समय लगता है, 70 वर्षों से एक डायनेस्टी चल रही है. लेकिन, अब मेरिट के ऊपर चुनाव होगा और वह इसी पर बेस होगा.

देखिए मैं यही कहता हूं कि प्लीज आप डाटा को देखिए, वह डाटा को नहीं देखते. वह अपनी आईडियोलॉजी देखते हैं. इण्डिया में कभी कोई इनकम डिस्ट्रीब्यूशन सर्वे हुआ नहीं है. मेरे ख्याल से होना चाहिए. जब भी मुझसे पूछते हैं तो मैं कहता हूं जरूर करिए और चुनाव के बाद यदि करेंगे तो बहुत अच्छी बात है. यह आईडियोलॉजी की बात है. आईडियोलॉजी हम सब की होती है. हमें देखना चाहिए कि डाटा क्या कहता है और उसके अनुसार हमें निर्णय लेना चाहिए. यह मामला कांग्रेस पार्टी के लिए कमजोर साबित हो सकता है.

उन्होंने विरासत कर पर कांग्रेस पार्टी नेता सैम पित्रोदा के बयान पर भी अपनी राय रखते हुए कहा, देखिए अमेरिका में 50 स्टेटस हैं, जिनमें से 6 राज्यों में विरासत कर लागू है. बाकी के राज्यों ने इसे वहां भी लागू नहीं किया है. सैम पित्रोदा ने जो वहां का दर कहा है 50 प्रतिशत, वह भी गलत है. वहां इस कर की रेट 20 फीसदी है. अमेरिका अमीर राष्ट्र है. ये महत्वपूर्ण नहीं कि जो यूएस कर रहा है, वह हम भी करेंगे. जब हम डेवलप राष्ट्र हो जाएंगे तब देखा जाएगा.

 

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