राष्ट्रीय

लोकसभा चुनाव 2024: एंटी इंकम्बेंसी के कारण काट दिया देवजी पटेल का टिकट

जालोर. लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होने में अब करीब

एक महीना ही रह गया है. यहां दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा. जालोर लोकसभा
की ओर देखें तो यहां चुनावी मुकाबला काफी रोचक हो चला है. चुनावी मुकाबला रोचक क्यों
हुआ, इसके कई कारण हैं, जैसे बीजेपी के सांसद देवजी पटेल का टिकट कटना, पूर्व मुख्यमंत्री
अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत का इस सीट से चुनाव लड़ना, कांग्रेस पार्टी के बागी लाल सिंह
राठौड़ का बीएसपी से ताल ठोकना और कांग्रेस पार्टी के ही रामलाल मेघवाल का बीजेपी ज्वॉइन करना.
इस सीट पर प्रवासी राजस्थानियों का भी काफी दखल रहता है और पिछले कुछ दिनों में वैभव गहलोत और लुम्बाराम चौधरी बैगलूरू, चैन्नई,
हैदराबाद, मुंबई जैसे शहरों में जाकर प्रवासियों से मिल चुके हैं. यही वे कारण हैं
कि जालोर लोकसभा सीट का जिक्र इन दिनों मीडिया में छाया हुआ है.


जालोर से बीजेपी लगातार चार बार से जीतती आ
रही है, लेकिन इस बार बीजेपी ने यहां वर्तमान सांसद देवजी पटेल का टिकट काट दिया और
सिरोही में पूर्व बीजेपी जिलाध्यक्ष रहे लुम्बाराम चौधरी को प्रत्याशी घोषित कर दिया
है. कहा जा रहा है कि बीजेपी के देवजी पटेल को जालोर की जनता ने 15 वर्ष तक पूरा मौका
दिया, लेकिन उन्होंने कोई खास काम नहीं कराया. इससे जनता में देवजी पटेल के विरुद्ध भारी
एंटी-इंकम्बेंसी है. बीजेपी ने अपने कई दौर के सर्वेक्षणों में इसे भांप लिया और उनका
टिकट काट दिया गया. पार्टी के आंतरिक सूत्रों का बोलना है कि भले ही बीजेपी ने चेहरा
बदल दिया है, लेकिन जीत की राह इतनी सरल नहीं है. बीजेपी में एकजुटता नहीं है और टिकट
न मिलने वाले दावेदारों में परस्पर बड़ी नाराजगी है. जनता भी बीजेपी सांसद के कार्यकालों
में विकास कार्य न हो पाने से नाराज है. हालांकि लुम्बाराम अपनी तरफ से पुरजोर कोशिश
लगाते नजर आ रहे हैं.

पूर्व
मुख्यमंत्री के पुत्र के रूप में वैभव गहलोत हैं सबसे चर्चित चेहरा

कांग्रेस की बात करें तो पार्टी की ओर से यह
टिकट पूर्व सीएम अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को दिया गया है. पिता के बड़े
नाम और लगातार सक्रियता के कारण वैभव गहलोत यहां अच्छी चुनौती देते नजर आ रहे हैं.
वे क्षेत्रीय समस्याओं पर बात कर रहे हैं, उनके निवारण का आश्वासन भी दे रहे हैं. वैभव
पिछली कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट में अपने पिता अशोक गहलोत द्वारा कराए गए जनकल्याणकारी कार्यों
का भी वास्ता भी दे रहे हैं. वैभव जिस तरह की सक्रियता दिखा रहे हैं, उससे वे आम लोगों
से कनेक्टिविटी बनाते नजर आ रहे हैं. लोगों में भी उनके नाम को लेकर उत्साह है.


कांग्रेस-भाजपा
में होगी सीधी टक्कर

लोकसभा चुनावों के दौरान जालोर में कांग्रेस
पार्टी में फूट पड़ने से जरूर कांग्रेस पार्टी का पक्ष कमजोर हुआ है. रामलाल मेघवाल के भाजपा
ज्वॉइन करने और लाल सिंह के बीएसपी से प्रत्याशी के रूप में उतरने से वैभव गहलोत के लिए
चुनौतियां बढ़ गई हैं. हालांकि लाेगों का मानना है कि लाल सिंह राठौड़ भले ही बीएसपी से
टिकट ले आए हों, और रामलाल बीजेपी में शामिल हो गए हों, लेकिन इसका अधिक असर कांग्रेस
पर नहीं पड़ेगा और इस चुनाव में भाजपा-कांग्रेस में सीधी भिड़न्त नजर आएगी.

 

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