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शिक्षा मंत्री के प्रस्ताव पर सरकार की मुहर, 10 लाख बेरोजगारों को मिलेगी राहत

सीकर न्यूज़ डेस्क !!! रीट पेपर लीक होने के बाद पिछली गवर्नमेंट ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती के लिए दो परीक्षाओं का फार्मूला लागू किया था सत्ता बदलाव के बाद अब शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने प्रथम श्रेणी व्याख्याता से तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित करने के संकेत दिए हैं यदि शिक्षा मंत्री के इस प्रस्ताव पर मुहर लगती है तो एक लाख बीएड और बीएसटीसी डिग्री धारकों और प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी शिक्षकों की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी

दो परीक्षाओं से जॉब में देरी

सरकार का मानना ​​है कि शिक्षक भर्ती के लिए दो परीक्षाओं का फॉर्मूला बेरोजगारों की कठिनाई बढ़ाता है जो अभ्यर्थी तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की तैयारी कर रहे हैं उन्हें सबसे पहले REET परीक्षा पास करने के बाद कर्मचारी चयन बोर्ड की मुख्य परीक्षा में शामिल होना होगा. दो परीक्षाओं के कारण नौकरियों में देरी हो रही है और इसका असर विद्यालयों की शिक्षा प्रबंध पर पड़ रहा है

एक बार के दर से थोड़ी राहत

पिछली गवर्नमेंट के दौरान तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को वन टाइम रीट पास कर कुछ राहत दी गई थी. इससे अभ्यर्थियों को हर भर्ती के समय रीट देने से मुक्ति मिल गई है. यदि गवर्नमेंट दोबारा REET के अंकों के आधार पर जॉब देती है तो अभ्यर्थियों को फिर से तैयारी करनी होगी

तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती का फार्मूला कई बार बदल चुका है

2003 में जिला परिषदों द्वारा भर्ती की जिम्मेदारी आरपीएससी को दी गई.
2004 में आरपीएससी ने पहली बार शिक्षकों की भर्ती की
निःशुल्क जरूरी शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में लागू हुआ.

2011 में रीट परीक्षा हुई

2012 में जिला परिषदों को आरपीएससी से भर्ती करने का अधिकार दिया गया.

2016 में ARTET को ख़त्म कर REET के माध्यम से भर्ती की गयी.
2022 से, REET को पात्रता परीक्षा के रूप में घोषित किया गया है. अब चयन REET और एक अन्य परीक्षा के आधार पर किया जाता है

स्कोरिंग में भी परिवर्तन हुए हैं

2012 में जिला स्तर पर मेरिट बनाने के लिए लिखित परीक्षा के अंकों में एआरटीईटी के 20 फीसदी अंक जोड़े गए.
2013 में ARTET के 20 फीसदी अंक मेरिट में जोड़े गए.
2016 में, REET अंकों को 70 फीसदी और स्नातक अंकों को 30 फीसदी वेटेज दिया गया था.
शिक्षकों की भर्ती के लिए एक ही फॉर्मूले पर परीक्षा आयोजित करने से सीधे तौर पर बेरोजगारों को राहत मिलेगी तीनों ग्रेड की परीक्षा एक साथ होने से परीक्षा एजेंसियों को भी कई तरह की समस्याओं से निजात मिल सकेगी

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