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श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 3.3 डिग्री सेल्सियस नीचे किया गया दर्ज

Dense fog wraps Kashmir amid cold waves: पूरा कश्मीर भयंकर शीत लहर की चपेट में है बीते कुछ दिनों से रोज सुबह कश्मीर की खुली वादियां मैदानी इलाकों की तरह घने कोहरा की चादर में लिपटी नजर आती हैं कुछ इलाकों में भयंकर कोहरे और धुंध यानी जीरो विजिबिलिटी के बावजूद यहां आने वाले पर्यटकों का उत्साह कम नहीं हुआ है वो यहां मस्ती करने के साथ पल-पल का आनंद उठाना चाहते हैं

श्रीनगर और कश्मीर के अन्य हिस्सों में कोहरा का क़हर आज भी जारी रहा कश्मीर घाटी के सभी स्थानों पर शुक्रवार सुबह तापमान शून्य से नीचे दर्ज हुआ बीते 7 दिनों से कश्मीर घाटी में लोग जब सुबह अपनी आंखे खोलते हैं तो स्वयं को चारों तरफ घने कोहरा और कड़ाके के ठंड से घिरा पाते हैं ये आलम दोपहर तक जारी रहता है इसके बावजूद यहां आने वाले सैलानी पल-पल का आनंद उठाने से नहीं चूकते क्योंकि उनके लिए यहां की हर बात निराली है

मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 3.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, कोकेरनाग में न्यूनतम तापमान शून्य से 2.0 डिग्री सेल्सियस कुपवाड़ा में तापमान शून्य से 4.3 डिग्री सेल्सियस, गुलमर्ग में में शून्य से 2.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया

जनजीवन अस्तव्यस्त

प्रचंड ठंड के इस मौसम ने कश्मीर में जनजीवन पर ब्रेक लगा दी है आम लोगों को काफ़ी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है मौसम विज्ञानियों ने इस महीने के अंत तक आम तौर पर बादल छाए रहने और शुष्क मौसम की भविष्यवाणी की है श्रीनगर समेत घाटी के अधिकतर हिस्से घने कोहरा की चादर में लिपटे हैं, जिससे दृश्यता कम हो गई है हवाई और ज़मीनी यातायात अस्त-व्यस्त हो गया है

‘चिल्लई-कलां’

कश्मीर घाटी में 40 दिन भयंकर ठंड पड़ती है इस दौर यानी अवधि को ‘चिल्लई-कलां’ बोला जाता है ये पीरियड 30 जनवरी को समाप्त होगा मौसम विभाग के अधिकारी ने कहा, ’31 दिसंबर तक कश्मीर घने कोहरा के साथ आम तौर पर शुष्क मौसम की आशा है 31 दिसंबर की शाम/रात के दौरान ऊंचाई वाले इलाकों में मामूली बर्फबारी की आसार है लेकिन तब तक लोगों को मौसम की नाराजगी झेलनी पड़ेगी

शबीर अहमद क्षेत्रीय नागरिक ने कहा, ‘आजकल हमारा दिन दोपहर 12 बजे प्रारम्भ होता है तब तक कुछ नहीं दिखता जिस सफ़र में आधा घंटा लगना चाहिए वो दो से तीन घंटे में पूरा होता है काफ़ी कोहरा रहता हैं अब इसे स्वास्थ्य भी बिगड़ने लगी हैं

सैलानियों की राय

झारखंड से कश्मीर घूमने आई एक टूरिस्ट मालती ने कहा, ‘ठंड तो बहुत है मगर हम यही सब देखने यहां आये हैं, ठंड, चारों ओर बर्फबारी, यह एक नया अनुभव हैं, काफ़ी सुहाना मौसम हैं और यहां के लोग भी काफ़ी अच्छे हैं सब को अपने परिवार के साथ यहां घूमने आना चाहिए

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