संसद के बाहर हंगामा करने वाली नीलम ने खटखटाया दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा
संसद की सुरक्षा को भेदकर संसद में बवाल करने वाले गैंग को लेकर अहम समाचार सामने आई है। संसद के बाहर बवाल करने वाली नीलम ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
संसद सुरक्षा उल्लंघन मुद्दे में आरोपी नीलम आजाद ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में तुरन्त रिहाई की मांग की है।
नीलम आज़ाद ने 21 दिसंबर के रिमांड आदेश की वैधता को चुनौती दी है। उसने याचिका में बोला कि रिमांड कार्यवाही के दौरान उसे अपने बचाव के लिए अपनी पसंद के वकील से परामर्श करने की अनुमति नहीं दी गई। यह परामर्श उस गिरफ़्तारी के सिर्फ़ 29 घंटे बाद दिया गया था।
लोकसभा में सुरक्षा उल्लंघन के मुद्दे में पुलिस ने जिन छह लोगों को अरैस्ट किया है, उनमें से एक नीलम आजाद उच्च शिक्षा के लिए हिसार में रहती थीं। घासो खुर्द गांव की 37 वर्षीय स्त्री नीलम आज़ाद को किसानों के विरोध के दौरान पहलवान साक्षी मलिक की मां और किसान नेता सिक्किम नैन के साथ कथित तौर पर हिरासत में लिया गया था।
कौन हैं नीलम आज़ाद?
नीलम आज़ाद 5-6 महीने पहले हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए हिसार पहुंची थीं। अपनी गिरफ़्तारी से छह महीने पहले, बेरोजगार नीलम आज़ाद दिल्ली में पेइंग गेस्ट के रूप में लगन से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी।
नीलम आज़ाद कुम्हार समुदाय से आती हैं और उनके पिता हलवाई का काम करते हैं। उसके दोनों भाई गांव में दूध बेचने का काम करते हैं।
नीलम की गिरफ्तारी के बारे में उसके भाई रामनिवास ने कहा, मुझे मेरे बड़े भाई का टेलीफोन आया और उसने तुरंत टीवी चालू करने को कहा। उन्होंने मुझे कहा कि नीलम को दिल्ली में अरैस्ट कर लिया गया है।
उसके भाई ने बोला कि उसका हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रमाणपत्र खत्म हो गया है। मैंने उससे बोला कि वह हिसार जाकर इसके लिए कोचिंग ले। रामनिवास ने कहा कि उनकी बहन ने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा में कामयाबी हासिल की है।