सरवन सिंह पंढेर ने कहा- हम किसान खनौरी और शंभू बॉर्डर रहेंगे, हम अपने…
नई दिल्ली: दिल्ली के खनौरी और शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं। केंद्र गवर्नमेंट से अपनी मांगें पूरी करवाने के लिए सड़कों पर उतरे किसानों ने एक बार फिर बड़ा घोषणा किया है। प्रदर्शन कर रहे किसान वर्ग ने साफ कर दिया कि वह जब तक दिल्ली नहीं पहुंचेंगे, तब तक पीछे नहीं हटेंगे।
अन्य वाहनों के इस्तेमाल से दिल्ली कूच
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर (Sarwan Singh Pandher) ने बोला कि हम किसान यहीं यानी खनौरी और शंभू बॉर्डर रहेंगे, हम अपने ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों के बिना आगे नहीं बढ़ेंगे। हमने दिल्ली की ओर मार्च करने का अपना निर्णय नहीं बदला है, हम तब तक प्रतीक्षा करेंगे जब तक गवर्नमेंट सड़कें फिर से नहीं खोल देती। हमने अन्य राज्यों के किसानों से 6 मार्च को रेलवे, बस या किसी अन्य गाड़ी का इस्तेमाल करके दिल्ली की ओर मार्च करने के लिए बोला है।
10 मार्च को रेल रोको आंदोलन
इससे पहले किसान ने जगजीत सिंह डल्लेवाल ने भी बयान जारी किया था। उन्होंने बोला था कि 10 मार्च को 12 से 4 बजे तक रेल रोको आंदोलन होगा। उन्होंने बोला कि दिल्ली जाने का कार्यक्रम टला नहीं है। हम इससे पीछे नहीं हटे हैं। केंद्र गवर्नमेंट को घुटने के बल लाने के लिए हमने रणनीति तय की है। हमने फैसला लिया है कि 6 मार्च को पूरे राष्ट्र से हमारे लोग रेल, बस और हवाई मार्ग से दिल्ली आएंगे। इसके अतिरिक्त किसान 14 मार्च को ‘किसान महापंचायत’ भी करेंगे। इसमें 400 से अधिक किसान संघ भाग लेंगे।
किसानों की क्या है मांग
बता दें कि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और कृषि श्रमिकों के लिए पेंशन साथ ही कृषि कर्ज माफ करने समेत आंदोलनकारी किसानों की कई मांगें हैं।