राष्ट्रीय

सांसद संजय सिंह को राज्यसभा के लिए फिर से नामांकन के लिए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने की मिली अनुमति

नई दिल्ली: दिल्ली की एक न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह को राज्यसभा के लिए फिर से नामांकन के लिए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दे दी है, क्योंकि उनका वर्तमान कार्यकाल 27 जनवरी को खत्म हो रहा है AAP नेता संजय सिंह को उनके मौजूदा कार्यकाल की समापन से पहले पार्टी ने राज्यसभा सांसद के रूप में नामित किया था

दरअसल, राज्यसभा से ‘नो ड्यूज सर्टिफिकेट’ हासिल करने के सिलसिले में दिल्ली की राउज एवेन्यू न्यायालय में अर्जी दाखिल की गई है आवेदन में उक्त प्रमाणपत्र के लिए जरूरी ‘अंडरटेकिंग’ पर संजय सिंह के हस्ताक्षर एकत्र करने की अनुमति मांगी गई है  इस बीच, AAP सांसद ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति भ्रष्टाचार मुद्दे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मुद्दे में जमानत के लिए गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था

इस मुद्दे में प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले वर्ष 4 अक्टूबर को संजय सिंह को अरैस्ट किया था  पिछले वर्ष 22 दिसंबर को ट्रायल न्यायालय ने उनकी जमानत खारिज कर दी थी और बोला था, “कोर्ट का प्रथम दृष्टया मानना है कि उनके विरुद्ध मुद्दा असली है सबूत मनी लॉन्ड्रिंग के कथित क्राइम में उनकी संलिप्तता को दर्शाते हैं यह मानने के लिए मुनासिब आधार हैं कि वह मनी लॉन्ड्रिंग के कथित क्राइम का गुनेहगार है

विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने प्रारम्भ में बोला थी कि मनी लॉन्ड्रिंग में आवेदक (संजय सिंह) की संलिप्तता का संकेत देने वाले सबूत हैं यह इस तथ्य पर आधारित है कि आवेदक का सीबीआई द्वारा जांच किए गए अनुसूचित क्राइम मुद्दे के माध्यम से उत्पन्न धन से संबंधित प्रक्रिया या गतिविधियों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध दिखाया गया है न्यायालय ने आगे बोला था कि, “साक्ष्य और सामग्री इस न्यायालय को यह विश्वास करने के लिए मुनासिब आधार प्रदान करने के लिए पर्याप्त है कि वह PMLA की धारा 45 के अनुसार निहित प्रावधानों के संदर्भ में उक्त क्राइम का ‘दोषी’ है इसलिए यह बोला जा सकता है कि जमानत देने के लिए धारा 45 द्वारा निर्धारित शर्तें पूरी नहीं होती हैं

जमानत अर्जी खारिज करते हुए न्यायालय ने यह भी बोला कि उच्चतम न्यायालय ने इस बात को स्वीकृति दे दी है कि दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति बनाने के सिलसिले में घूस दी गई थी

 

Related Articles

Back to top button