राष्ट्रीय

साल 2023 के बजट में हुए थे इनकम टैक्स के नियमों में कई बदलाव

केंद्रीय बजट (Budget 2024) पेश होने में अब महज़ कुछ दिन ही बचे हुए हैं हर वर्ष 1 फरवरी 2024 को बजट पेश किया जाता है इस वर्ष भी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा बजट पेश किया जाएगा, हालांकि चुनावी (Lok Sabha Election 2024) वर्ष होने की वजह से यह बजट अंतरिम बजट 2024 (Interim Budget 2024) होने वाला है बजट 2023 में नयी कर प्रबंध (Tax Regime) से लेकर छूट में 6 परिवर्तन किए थे ऐसे में इस बजट में आयकर (Income Tax) को लेकर भी कई बड़े घोषणाएं होने की संभावनाएं बहुत कम हैं तो चलिए जानते हैं पिछले वर्ष हुए आयकर में परिवर्तन के बारे में विस्तार से…

1) Tax Rebate Limit बढ़ाई गई

न्यू टैक्स रिजीम में छूट की सीमा बढ़ाकर ₹7 लाख कर दी गई जिसका मतलब है कि नयी कर प्रबंध में ₹7 लाख तक की आय वाले व्यक्तियों को कोई टैक्स नहीं देना होगा

2) आयकर स्लैब में हुए बदलाव

नई टैक्स प्रबंध (New Tax Regime) में सभी टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत देने के लिए नयी पर्सनल टैक्स प्रबंध में टैक्स स्ट्रैक्टर में टैक्स स्लैब की संख्या घटाकर 5 कर दी गई है साथ ही टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दी गई है

  • 0-3 लाख रुपए की आय पर कोई टैक्स नहीं
  • 6-9 लाख रुपए की आय पर 10% टैक्स
  • 9-12 लाख रुपए की आय पर 15% टैक्स
  • 12-15 लाख रुपए की आय पर 20% टैक्स
  • 15 लाख रुपए से ऊपर की आय पर 30% टैक्स

3) नए टैक्स रिजीम के अनुसार स्टैंडर्ड डिडक्शन बेनिफिट

नई टैक्स सिस्टम के अनुसार मानक कटौती का फायदा सैलरी पाने वाला वर्ग और पारिवारिक तक बढ़ा दिया गया है सैलरीड पर्सन को ₹50,000 और पेंशनभोगियों को ₹15,000 की स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगी

4) अधिकतम सरचार्ज दर में कमी

नई टैक्स प्रबंध (New Tax Regime) में 2 करोड़ रुपए से ज़्यादा की इनकम पर पर्सनल आयकर में अधिकतम सरचार्ज दर 37% से घटाकर 25% कर दी गई है जिससे पर्सनल आयकर की अधिकतम कर दर घटकर 39% हो गई, जो पहले 4274% थी

5) लीव इनकैशमेंट पर टैक्स छूट

New Tax Regime में गैर-सरकारी वेतनभोगी कर्मचारियों के रिटायरमेंट पर छुट्टी के बदले पैसे (लीव एनकैशमेंट) पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दी गई

6) डिफॉल्ट टैक्स प्रबंध बन गई नयी कर व्यवस्था

नई आयकर प्रबंध को डिफॉल्ट टैक्स रिजीम बनाया गया है ऐसे में यदि आप टैक्स भरने के लिए टैक्स प्रबंध का चुनाव नहीं करते हैं तो वह अपने आप नयी टैक्स प्रबंध में के अनुसार आ जाएंगे हालांकि आपके पास पुरानी टैक्स प्रबंध का फायदा उठाने के लिए विकल्प चुनने का अधिकार है

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