राष्ट्रीय

शिवकुमार : केवल इंदिरा गांधी परिवार ही कांग्रेस पार्टी को कर सकता है एकजुट

सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने पीएम पद का त्याग किया है, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बोला कि सिर्फ़ इंदिरा गांधी परिवार ही कांग्रेस पार्टी पार्टी को एकजुट कर सकता है. एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा, ”जब कांग्रेस पार्टी पार्टी कठिन हालात में थी, तब सोनिया 2004 में कांग्रेस पार्टी पार्टी को राष्ट्र की सत्ता में वापस ले आईं. वह (सोनिया गांधी) कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट को वापस लाने में सफल रहीं. पार्टी बुरी हालत में थी हालांकि, वह पार्टी को दोबारा सत्ता में ले आए. हालाँकि सभी सांसद चाहते थे कि सोनिया पीएम बनें, लेकिन उन्होंने यूपीए की परवाह किए बिना मनमोहन सिंह को पीएम बनाया.

उस समय पूरा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन चाहता था कि सोनिया पीएम बनें. उन्होंने राष्ट्र की खातिर यह बलिदान दिया. किसी स्त्री के लिए किसी राष्ट्र का पीएम बनने का मौका ठुकरा देना दुनिया के इतिहास में सबसे बड़ा बलिदान है. डीके शिवकुमार ने कहा, यह इंदिरा गांधी परिवार द्वारा राष्ट्र के लिए दिया गया सबसे बड़ा बलिदान है. फिर, इस प्रश्न का उत्तर देते हुए कि यदि कांग्रेस पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव जीतती है तो क्या राहुल गांधी भी वही बलिदान देंगे, शिवकुमार ने कहा, “यह फैसला पार्टी के संसद सदस्यों द्वारा लिया जाएगा. सबसे पहले, हम सभी एकजुट होंगे वह फैसला पार्टी और पार्टी के सांसद लेंगे

वह (राहुल गांधी) हमारे नेता हैं जो राष्ट्र की एकता और राष्ट्र के लोगों को एकजुट रखने के लिए लड़ रहे हैं और राष्ट्र के लिए कोई भी मूल्य चुकाने के लिए तैयार हैं. राष्ट्र के इतिहास में उनके जैसा कार्य किसी ने नहीं किया. उन्होंने राष्ट्र के लिए बहुत बड़ा बलिदान भी दिया वह मनमोहन सिंह के बाद पीएम बन सकते थे तब तक उन्होंने कभी सत्ता नहीं देखी थी लेकिन वह चाहते थे कि कांग्रेस पार्टी पार्टी सत्ता में रहे. उन्होंने बोला कि मैं एक अर्थशास्त्री (मनमोहन सिंह) चाहता हूं और उन्हें पीएम पद पर बने रहने देना चाहिए. उसके पास मौका था हम सभी ने उन पर (राहुल गांधी) नेतृत्व करने के लिए दबाव डाला. उन्होंने कहा, लेकिन मनमोहन सिंह को राष्ट्र का नेतृत्व करने दीजिए.

आपको एक बात समझनी होगी सिर्फ़ इंदिरा गांधी परिवार ही कांग्रेस पार्टी को एकजुट कर सकता है.’ जब कांग्रेस पार्टी पार्टी एकजुट होती है तो राष्ट्र एकजुट होता है.’ यह कांग्रेस पार्टी पार्टी के इतिहास की सबसे बड़ी ताकत है. इसने राष्ट्र को एकजुट रखा है,” उन्होंने कहा. कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री टीके शिवकुमार, जिन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि क्या राहुल गांधी प्रधान मंत्री नहीं बनना चाहते हैं, ने कहा, “मैं अब इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता. इस लोकसभा चुनाव को समाप्त होने दीजिए और फिर मैं टिप्पणी करूंगा. मैं फिर आऊंगा और तुमसे मिलूंगा.

पूर्व पीएम और अपने पति राजीव गांधी की मर्डर के सात वर्ष बाद सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्टी पार्टी की कमान संभाली वह 1998 से 2017 तक कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद पर बने रहे इसी तरह 2004 में ‘इंडिया इज शाइनिंग’ के नारे के साथ शुरुआती चुनावों का सामना करने वाली भाजपा को उस चुनाव में केवल 138 सीटें मिलीं कांग्रेस पार्टी ने 145 सीटें जीतीं सीपीएम और समाजवादी पार्टियों ने 43-43 सीटें जीतीं और राजद ने 24 सीटें जीतीं. भाजपा ने मानी अपनी हार कांग्रेस पार्टी अन्य दलों के साथ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन बनाकर सत्ता में आई. उल्लेखनीय है कि मनमोहन सिंह पीएम चुने गये थे

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