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सिमी को भारत सरकार ने यूएपीए के तहत 5 साल की अवधि के लिए ‘गैरकानूनी संगठन’ किया गया घोषित

स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इण्डिया (सिमी) को हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने यूएपीए के अनुसार 5 वर्ष की अवधि के लिए ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित कर दिया है गृह मंत्रालय के एक आदेश में ये जानकारी सामने आई है बता दें कि राष्ट्र में कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने और अन्य आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध होने के चलते हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इण्डिया (सिमी) को अवैध संघ घोषित किया है

इसको लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने बोला कि आतंक को कतई बर्दाश्त नहीं करने के पीएम नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को मजबूत करते हुए, सिमी को यूएपीए के अनुसार 5 वर्ष के लिए ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित किया गया है

पिछली वर्ष उच्चतम न्यायालय भी गया था सिमी

बता दें कि पिछले वर्ष भी सिमी पर केंद्र गवर्नमेंट ने प्रतिबंध लगाया था जिसके विरुद्ध स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इण्डिया ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था हालांकि तब सिमी पर लगाए गए प्रतिबंध के विरुद्ध याचिकाओं पर न्यायालय ने तुरन्त सुनवाई से इनकार कर दिया था तब उच्चतम न्यायालय ने बोला था कि अभी संविधान पीठ में अनुच्छेद 370 पर सुनवाई प्रारम्भ हो रही है, जब इस पर सुनवाई समाप्त हो जाए तो इन सब पर विचार किया जाएगा

“भारत में स्थापित करना चहता है इस्लामी शासन”

पिछले वर्ष जुलाई में केंद्र गवर्नमेंट ने शीर्ष न्यायालय से बोला था कि हिंदुस्तान में इस्लामी शासन स्थापित करने के सिमी के मकसद को पूरा नहीं होने दिया जा सकता गवर्नमेंट ने बोला था कि प्रतिबंधित संगठन के सदस्य अब भी विघटनकारी गतिविधियों में शामिल हैं, जो राष्ट्र की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में डाल सकती हैं सर्वोच्च कोर्ट में दाखिल जवाबी हलफनामे में केंद्र ने बोला था कि सिमी के सदस्य अन्य राष्ट्रों में उपस्थित अपने सहयोगियों और आकाओं के ‘लगातार संपर्क’ में हैं और उनकी गतिविधियां हिंदुस्तान में शांति एवं सांप्रदायिक सौहार्द में खलल डाल सकती हैं गवर्नमेंट ने यह भी बोला था कि सिमी का उद्देश्य हिंदुस्तान में इस्लाम के प्रचार-प्रसार और ‘जिहाद’ के लिए विद्यार्थियों एवं युवाओं का समर्थन हासिल करना है

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