मणिपुर में एक आदिवासी युवक को जिंदा जलाने का एक वीडियो हो रहा वायरल
मणिपुर हिंसा: मणिपुर में अत्याचार अबतक थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मुद्दे में एक आदिवासी पुरुष को जिंदा जलाने का सात सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। कथित तौर पर रविवार को मणिपुर के कई व्हाट्सएप समूहों पर इस वीडियो को साझा किया गया था। हिंसा प्रभावित मणिपुर से एक और भयावह वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद विपक्ष ने सोमवार को कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें एक आदिवासी आदमी के मृतशरीर को खाई में आग लगाते हुए देखा जा सकता है। इस वायरल वीडियो पर पुलिस ने बोला कि मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि वीडियो मई की आरंभ का प्रतीत होता है और हम मामले की जांच कर रहे हैं। इसे लेकर इण्डिया गठबंधन ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी पर तंज कसा है और बोला है कि यह घटना “बेहद दुखद और शर्मनाक है।”
विपक्षी गठबंधन इण्डिया ने एक धुंधली वीडियो क्लिप साझा करते हुए एक्स, औपचारिक ट्विटर पर लिखा “यह मणिपुर से है!! मणिपुर में कुकी आदिवासी पुरुष को जिंदा जला दिया गया, मृत्यु की घटना बहुत दुखद और शर्मनाक है। मोदी जी पड़ोसी राष्ट्र के बारे में दुख व्यक्त कर रहे हैं लेकिन मणिपुर को बचाने में विफल रहे।।”
सात सेकंड का यह वीडियो रविवार को मणिपुर के कई व्हाट्सएप ग्रुपों पर साझा किया गया। वीडियो में कथित तौर पर वह पुरुष काली टी-शर्ट और पतलून में एक खाई में लेटा हुआ दिखाई दे रहा है। उसके चेहरे को कुचल दिया गया है, वहीं शरीर में आग लगी हुई है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने किया ट्वीट
इंडिया ब्लॉक पार्टनर और शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। प्रियंका ने लिखा “मणिपुर से सामने आए एक और भयावह वीडियो में, एक आदिवासी आदमी के शरीर को खाई में आग लगाते हुए देखा जा सकता है। एक पुलिस अधिकारी ने बोला कि वीडियो मई की आरंभ का प्रतीत होता है। मणिपुर की त्रासदी पर अभी भी चर्चा और निवारण नहीं किया गया है।”
उच्च कोर्ट के आदेश के विरुद्ध कुकी और मैतेई समुदायों के विरोध प्रदर्शन के बाद, राज्य गवर्नमेंट को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की श्रेणी में मैतेई समुदाय को शामिल करने पर विचार करने के लिए कहने के बाद, पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में 3 मई से अत्याचार भड़क उठी है।
रविवार को, जिला प्रशासन ने इम्फाल पूर्व में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करके किसी भी जुलूस, रैली, विरोध और अवैध सभा या सार्वजनिक बैठकों पर तुरन्त असर से प्रतिबंध लगा दिया। जिला मजिस्ट्रेट ने एक अधिसूचना में बोला कि पांच से अधिक लोगों की सभा से जिले में सार्वजनिक शांति भंग होने की आसार है और इसकी रोकथाम के लिए तुरन्त कार्रवाई जरूरी है।