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सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने राज्यपाल खान पर राजनीतिक हमला बोला

तिरुवनंतपुरम: केरल के कन्नूर यूनिवर्सिटी के कुलपति गोपीनाथ रवींद्रन की पुनर्नियुक्ति को खारिज किये जाने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से राज्य में गुरुवार को सियासी तूफान खड़ा हो गया एक ओर जहां गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने सीएम पिनराई विजयन पर इस मुद्दे में उन पर दबाव डालने का इल्जाम लगाया, वहीं कांग्रेस-नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (UDF) ने राज्य की उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू के इस्तीफे की मांग की है

सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने गवर्नर खान पर सियासी धावा बोला, जबकि बीजेपी (BJP) उनके बचाव में आई और रवींद्रन की पुनर्नियुक्ति को सीएम और राज्य गवर्नमेंट के करप्शन तथा भाई-भतीजावाद का उदाहरण बताया

 

फैसला सुनाए जाने के तुरंत बाद खान ने उन घटनाओं को याद किया, जिसके कारण उन्हें कन्नूर यूनिवर्सिटी के कुलपति के रूप में रवींद्रन को फिर से नियुक्त करना पड़ा और इसके लिए उन्होंने सीएम विजयन को गुनेहगार ठहराया खान ने यहां पत्रकारों से बोला कि राज्य की उच्च शिक्षा मंत्री बिंदू को गुनेहगार नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि सीएम ने रवींद्रन की पुनर्नियुक्ति की मांग के लिए उनका (बिंदू का) इस्तेमाल किया

शीर्ष न्यायालय ने रवींद्रन की दोबारा नियुक्ति को खारिज करते हुए इस मुद्दे में राज्य गवर्नमेंट के ‘अनुचित हस्तक्षेप’ की निंदा की पीठ ने रवींद्रन को कुलपति के पद पर दोबारा नियुक्त करने के कुलाधिपति एवं गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान के आदेश को खामीयुक्त पाया और बोला कि उन्होंने कुलपति को फिर से नियुक्त करने के लिए कानूनी अधिकारों को ‘त्याग दिया या आत्मसमर्पण’ कर दिया

पीठ ने बोला कि कानून के अनुसार कुलाधिपति को ही कुलपति की नियुक्ति या पुनर्नियुक्ति करने का अधिकार प्रदान किया गया है पीठ ने कहा, ‘कोई अन्य आदमी यहां तक कि प्रति-कुलाधिपति या कोई भी वरिष्ठ अधिकारी वैधानिक प्राधिकार के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं कर सकतानिर्णय के बाद, खान ने दावा किया कि सीएम का निजी कानूनी सलाहकार होने का दावा करने वाला एक आदमी विजयन के ओएसडी (विशेष कार्य अधिकारी) के साथ उनसे मिलने आया था और उनसे कन्नूर यूनिवर्सिटी के कुलपति की नियुक्ति की सामान्य प्रक्रिया न अपनाने का आग्रह किया था

उन्होंने दावा किया कि बाद में वे दोनों उच्च शिक्षा मंत्री बिंदू के एक पत्र तथा नियमित नियुक्ति प्रक्रिया को ‘रोकने’ एवं रवींद्रन को कुलपति के रूप में फिर से नियुक्त करने के लिए राज्य के महाधिवक्ता की कानूनी राय लेकर आए थे

खान ने कहा, ‘मैंने उन्हें कहा था कि वे जो प्रस्ताव दे रहे थे वह गैरकानूनी है वैसे वे महाधिवक्ता की कानूनी राय के साथ आए थे, इसलिए मैं सहमत हो गया, लेकिन मैंने उन्हें कहा कि वे मुझसे जो करने के लिए कह रहे हैं, वह अवैध, अनियमित और कानून के अनुरूप नहीं है

उन्होंने कहा, ‘इसके बाद, मैंने सीएम को पत्र लिखकर बोला कि उन्होंने मुझसे जो कराया है, वह अवैध है और वह (मुख्यमंत्री) अन्य मामलों में भी मुझ पर दबाव बनाते रहेंगे’ पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या वह सीएम का त्याग-पत्र मांगेंगे, खान ने बोला कि इस ‘नैतिक प्रश्न’ का उत्तर विजयन और गवर्नमेंट को देना है

खान ने कहा, ‘मैं इसे उन पर छोड़ता हूं मैं कोई नहीं हूं मैं किसी के इस्तीफे की मांग नहीं करने जा रहा हूं कर्म का रिज़ल्ट मिलता ही हैं ऐसा कोई तरीका नहीं है, जिससे आप कर्मों के परिणामों से छुटकारा पा सकें’ इस बीच, सत्तारूढ़ CPM ने उनके समक्ष लंबित विधेयकों के बारे में उनकी हालिया टिप्पणियों का हवाला देते हुए गवर्नर के इस्तीफे की मांग की

CPM के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने कहा, ‘अगर उनमें थोड़ी भी शालीनता है, तो अब समय आ गया है कि वह गवर्नर पद से त्याग-पत्र दे दें’गोविंदन ने बोला कि शीर्ष न्यायालय के आदेश को स्वीकार करना होगा और इसका शोध करने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी

केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने गवर्नर का बचाव करते हुए इल्जाम लगाया कि रवींद्रन की नियुक्ति सीएम के भाई-भतीजावाद का उदाहरण है और यह करप्शन का द्योतक है बिंदू ने बोला कि वह कोर्ट के निर्णय को पढ़ने के बाद इस मामले पर प्रतिक्रिया देंगी

दूसरी ओर, कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने तर्क दिया कि कन्नूर यूनिवर्सिटी के कुलपति की पुनर्नियुक्ति के उसके दावे शीर्ष न्यायालय के निर्णय से ठीक साबित हुए हैं राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) वी डी सतीशन ने भी बिंदू के इस्तीफे की मांग करते हुए बोला कि उन्हें कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए था उन्होंने कहा, ‘मंत्री को आज ही त्याग-पत्र दे देना चाहिए

मुरलीधरन ने सतीशन द्वारा सीएम का त्याग-पत्र मांगने के बजाय बिंदु का त्याग-पत्र मांगने पर आश्चर्य व्यक्त किया उन्होंने प्रश्न किया कि क्या विपक्ष के नेता सीएम से डरे हुए हैं या क्या कांग्रेस पार्टी ने विजयन का बचाव करने और यह सुनिश्चित करने का निर्णय किया है कि वह (विजयन) सत्ता में बने रहें

इस बीच, रवींद्रन ने बोला कि उन्हें अपनी पुनर्नियुक्ति के संबंध में किसी भी अवैधता की जानकारी नहीं है उन्होंने यह भी बोला कि राष्ट्र के कई अन्य विश्वविद्यालयों में भी कई कुलपतियों को फिर से नियुक्त किया गया है

उन्होंने बोला कि अब वह नियमित जॉब के लिए शुक्रवार को दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी लौट जाएंगे, जहां वह इतिहास विभाग में प्रोफेसर रहे हैं रवींद्रन ने बोला कि उन्होंने कन्नूर यूनिवर्सिटी के लिए बहुत कुछ किया और कुछ चीजें करना बाकी है

केरल हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने पिछले वर्ष 23 फरवरी को यूनिवर्सिटी के कुलपति के रूप में रवींद्रन की पुनर्नियुक्ति को बरकरार रखने वाले एकल-न्यायाधीश के आदेश के विरुद्ध अपील को यह कहकर खारिज कर दिया था कि ऐसा कानून के मुताबिक किया गया था और यह ‘पद पर कब्जा करने के इरादे से’ नहीं है

शीर्ष न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा, ‘उच्च कोर्ट द्वारा 23 फरवरी, 2022 को दिए गए फैसला और पारित आदेश को रद्द किया जाता है और इसके परिणामस्वरूप प्रतिवादी संख्या 4 (रवींद्रन) को कन्नूर यूनिवर्सिटी के कुलपति के रूप में फिर से नियुक्त करने से संबंधित 23 नवंबर, 2021 की अधिसूचना को रद्द किया जाता है

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