AAP सांसद संजय सिंह आज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी गिरफ्तारी को कोर्ट में दी चुनौती
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आज शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दिल्ली शराब नीति में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मुद्दे में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। सिंह ने ट्रायल न्यायालय द्वारा उन्हें दी गई रिमांड को भी चुनौती दी है। दिल्ली HC आज इस मुद्दे पर सुनवाई करेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, मुद्दे की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ करेगी। सिंह के वकील ने बोला कि AAP नेता को उनकी गिरफ्तारी के आधार ठीक से नहीं बताए गए। इस सप्ताह की आरंभ में, एक विशेष न्यायालय ने संजय सिंह की प्रवर्तन निदेशालय हिरासत 13 अक्टूबर तक बढ़ा दी थी। सिंह को 4 अक्टूबर को नॉर्थ एवेन्यू स्थित उनके आधिकारिक आवास पर तलाशी के बाद अरैस्ट किया गया था। दिल्ली के पूर्व मंत्री मनीष सिसौदिया और सत्येन्द्र जैन के बाद संजय सिंह पिछले 17 महीनों में केंद्रीय एजेंसी द्वारा अरैस्ट किए जाने वाले AAP के तीसरे नेता बन गए हैं।
सितंबर 2022 में शराब नीति मुद्दे में AAP संचार प्रभारी विजय नायर को भी अरैस्ट किया गया था। अप्रैल में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से भी CBI ने करीब नौ घंटे तक पूछताछ की थी। रिमांड आवेदन पर सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से पेश विशेष लोक अभियोजक एनके मट्टा ने बोला कि सिंह को 2 करोड़ रुपये नकद दिए गए थे। प्रवर्तन निदेशालय ने इल्जाम लगाया कि मुद्दे में आरोपी दिनेश अरोड़ा के एक कर्मचारी, जो बाद में सरकारी गवाह बन गया, ने कथित तौर पर दो मौकों पर सिंह के घर पर 2 करोड़ रुपये पहुंचाए।
ED के अनुसार, वरिष्ठ AAP नेता ने उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में जरूरी किरदार निभाई, जिसका उद्देश्य कुछ शराब निर्माताओं और थोक विक्रेताओं को फायदा पहुंचाना था। सिंह की गिरफ्तारी पर बीजेपी गवर्नमेंट पर तीखा धावा बोलते हुए दिल्ली के सीएम और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शराब नीति मुद्दे को “पूरी तरह से झूठा” कहा और बोला कि जांच एजेंसियों के पास रत्ती भर भी सबूत नहीं है और सब कुछ निराधार है। केजरीवाल ने संवाददाताओं से बोला कि, “उन्होंने हमारी इतनी जांच की, क्या कुछ पता चला? एक पैसे का भी आदान-प्रदान नहीं हुआ।”
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर जांच की सिफारिश करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय और CBI ने शराब नीति के संबंध में मुद्दे दर्ज किए। जहां CBI करप्शन के पहलू की जांच कर रही है, वहीं प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू पर गौर कर रही है।