राष्ट्रीय

आखिर हर साल दिसंबर में ही क्यों आती है कोरोना की लहर…

कोविड-19 का नया वैरिएंट JN.1 पूरे विश्व में तेजी से फैल रहा है. हिंदुस्तान में भी कुछ दिनों में कोविड-19 के मुद्दे तेजी से बढ़ रहे हैं. देश में एक बार फिर से कोविड 19 का खतरा बढ़ता जा रहा है. चीन में पहली बार कोविड-19 वायरस का मुद्दा सामने आया था. कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है. इस वायरस ने हर किसी की जीवन उलट-पुलट कर रख दी. उसके बाद लगभग हर वर्ष सर्दियों में कोविड-19 की लहर आती है. अब प्रश्न ये है कि आखिर हर वर्ष दिसंबर में ही कोविड-19 की लहर क्यों आती है.

चार वर्ष बाद Covid-19 महामारी समाप्त हो गई है लेकिन यह वायरस अपने कई वेरिएंट के रूप में हमारे जीवन में उपस्थित है. इस दिसंबर में महामारी का कारण बना कोविड-19 वायरस का नया वैरिएंट JN.1 पूरी दुनिया में धूम मचा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे रुचि के प्रकार के रूप में वर्गीकृत किया है. लेकिन यह ध्यान दिया गया है कि, इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य को कम जोखिम होता है.

दिसंबर 2020 में Covid-19 के तीन प्रमुख वेरिएंट देखने को मिले. इसमें अल्फा (बी.1.1.7), बीटा (बी.1.351) और गामा (पी.1) शामिल थे. एक वर्ष बाद दिसंबर 2021 में, लॉकडाउन में ढील के कुछ ही महीनों बाद ओमिक्रॉन वैरिएंट को फिर से लॉकडाउन में डाल दिया गया.

कई अध्ययनों से पता चला है कि ठंडा और शुष्क मौसम कोविड-19 को फैलने में सहायता करता है. कई अध्ययनों में Covid-19 मामलों में वृद्धि के पीछे ठंडी और शुष्क सर्दियों को एक कारक कहा गया है. नेचर जर्नल में प्रकाशित एक शोध में डेल्टा संस्करण द्वारा उत्पन्न दूसरी लहर की आरंभ का विश्लेषण करते हुए दिखाया गया है कि महामारी की पहली लहर के दौरान मौसम की स्थिति ने प्रभावित किया कि वायरस कितनी सरलता से फैलता है.

चीन की सिचुआन इंटरनेशनल स्टडीज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने भी इसकी पुष्टि की है. उनके शोध से पता चला है कि ठंड के मौसम में रहने वाले लोगों में कोविड-19 वायरस से संक्रमित होने की आसार अधिक है.

Related Articles

Back to top button