जल्द ही इस धार्मिक नगरी में शुरू होगा हवा में सफर
नई दिल्ली। राष्ट्र में जल्द ही एक धार्मिक नगरी में हवा में यात्रा प्रारम्भ होने जा रहा है। दूर-दराज से आने वाले प्रतिदिन लाखों श्रद्धालुओं का आवागमन सरल हो जाएगा। सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा इसका निर्माण कराया जा रहा है। यानी यहां पर धर्म के साथ एडवेंचर भी हो सकेगा। इस तरह यहां पर दादा-दादी और बच्चों सभी के साथ प्लान बना सकते हैं।
नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इण्डिया की कंपनी नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लि। (एनएचएलएमएल) इस साल 60 किमी। से अधिक लंबाई के रोपवे का काम प्रारम्भ करने जा रही है। इनमें से अनेक के टेंडर भी आवार्ड किए जा चुके हैं और कुछ अवार्ड होने वाले हैं। आइए जानें किस धार्मिक नगरी में रोपवे प्रारम्भ होने वाला है।
एनएचएलएमएल के सीईओ प्रकाश गौड़ ने कहा कि ईश्वर भोले की नगरी काशी में इस साल रोपवे का संचालन प्रारम्भ हो जाएगा। सामान्य तौर रोपवे का निर्माण पहाड़ी इलाकों में ही होता था, सड़क परिवहन मंत्रालय ने शहरों में रोपवे के लिए अरबन रोपवे निर्माण किया है और इस साल यह आम लोगों के लिए प्रारम्भ हो जाएगा।
सीईओ ने कहा कि इस दो किमी। लंबे रूट में तीन स्टेशन पड़ेंगे। पहला कैंट जहां से रोपवे प्रारम्भ हो रहा है। दूसरा विद्यापीठ और तीसरा रथयात्रा स्टेशन होगा। इस स्टेशन के पास हिंदुस्तान माता का मंदिर पड़ता है, इस मंदिर के दर्शन करने वाले लोगों को भी राहत होगी। रोपवे के लिए केबल कार स्विट्जरलैंड पहुंच चुकी है।
देश के ये हैं प्रमुख स्थान जहां बन रहे हैं रोपवे
उत्तराखंड में केदारनाथ, हेमकुंड साहिब और काठगोदाम से नैनीताल, कश्मीर में शंकराचार्य मंदिर, महाराष्ट्र में ब्रह्मगिरी से अंजानेरी और रामटेक मंदिर, मध्य प्रदेश में टिकीटोरिया मंदिर और महाकाल उज्जैन, उत्तर प्रदेश में संगम प्रयागराज, असम में कामाख्या मंदिर , गुजरात में गिफ्ट सिटी, अरणाचल प्रदेश में तवांग मोनेस्ट्री प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल हैं,जहां पर रोपवे निर्माण की प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है।