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इस साल अक्टूबर में अरुणाचल प्रदेश में तीन हवाई मार्गों पर विमानों का परिचालन हो जाएगा शुरू

ईटानगर नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने रविवार को घोषणा की कि इस वर्ष अक्टूबर में अरुणाचल प्रदेश में तीन हवाई मार्गों पर विमानों का परिचालन प्रारम्भ हो जाएगा अरुणाचल प्रदेश के लोहित जिले के तेजू हवाई अड्डे पर स्थापित नए अवसंरचना का उद्घाटन करने के बाद सिंधिया ने बोला कि केंद्र की ‘उड़ान-5’ योजना के अनुसार होलोंगी के डोनी पोलो हवाई अड्डे (ईटानगर) से नयी दिल्ली के बीच उड़ान सेवा प्रारम्भ की जाएगी उन्होंने बोला कि इसके अतिरिक्त ईटानगर से असम के जोरहाट के बीच एवं ईटानगर से पूर्वी सियांग के रुसिन के बीच विमान सेवा प्रारम्भ की जाएगी

‘उड़े राष्ट्र का आम नागरिक’ (उड़ान) योजना क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना है जिसके अनुसार छोटे क्षेत्रीय हवाई अड्डों को विकसित किया जा रहा है ताकि आम नागरिक भी हवाई यात्रा कर सके तेजू हवाई अड्डा अरुणाचल में डोनी पोलो, पासीघाट और जीरो के बाद चौथा और पूर्वोत्तर में 17वां हवाई अड्डा है मंत्री ने बोला कि गत 65 वर्ष में राष्ट्र में सिर्फ़ 74 हवाई अड्डे थे लेकिन बीजेपी (भाजपा) नीत केंद्र गवर्नमेंट ने गत नौ वर्ष के अपने शासन में 75 नए हवाई अड्डे बनाए हैं

पीएम मोदी ने कई अहम परियोजाएं प्रारम्भ की, अरुणाचल का पूरा ध्‍यान रखा
सिंधिया ने बोला ‘प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी और सीएम पेमा खांडू अरुणाचल को नई ऊंचाई पर ले जा रहे हैं’ उन्होंने बोला कि पूर्वोत्तर के आठ राज्यों की दशकों से अनदेखी की गई लेकिन 2014 में पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद कई अहम परियोजाएं क्षेत्र में प्रारम्भ की उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान के मुकुट में यह क्षेत्र अहम मणि है केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘अरुणाचल प्रदेश के साथ मेरा नाता बहुत पुराना है जब मेरी दादी के एक सम्बन्धी 1960 के दशक में यहां मेजर जनरल के तौर पर तैनात थे तब हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने उन्होंने एक सीमावर्ती गांव का नामकरण करने का मौका दिया था जो अब ‘विजॉय नगर’ नाम से मशहूर है

170 करोड़ रुपये की लागत हवाई अड्डे को और विकसित किया
अधिकारियों ने कहा कि  तेजू हवाई अड्डे पर नवनिर्मित अवसंरचना में रनवे का विस्तार, नया एप्रोन, नया टर्मिनल इमारत, अग्निशमन स्टेशन और एटीसी टावर शामिल है जिसपर करीब 170 करोड़ रुपये की लागत आई है उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे को 212 एकड़ भूमि पर विकसित किया गया है और यहां से एटीआर-72 विमान परिचालित किया जा सकता है भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने हवाई अड्डे का उन्नयन कार्य किया है हवाई अड्डे पर 2018 से ही ‘उड़ान योजना’ के अनुसार विमानों का परिचालन किया जा रहा है इस समय यहां से डिब्रूगढ़, इंफाल और गुवाहाटी के लिए नियमित उड़ान उपस्थित है

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