राष्ट्रीय

5 बड़े शहरों में हुए बम धमाकों के मामले में अजमेर की टाडा कोर्ट का फैसला आज

 अयोध्या में बाबरी विध्वंस की बरसी पर करीब 31 साल पहले देश के 5 शहरों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में अजमेर की टाडा कोर्ट गुरुवार को अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले में आतंकी अब्दुल करीम टुंडा मुख्य आरोपी है, जिसे 2013 में नेपाल से गिरफ्तार किया गया था. पिछले साल उन्हें अजमेर लाया गया था, तब से वह अजमेर जेल में कैद हैं. देश में तीन टाडा कोर्ट हैं, जिनमें से एक अजमेर टाडा कोर्ट है। उत्तर भारत से जुड़े ज्यादातर मामलों की सुनवाई अजमेर की टाडा कोर्ट में होती है।

6 दिसंबर 1993 को देश के 5 बड़े शहरों में हुए बम धमाकों के मामले में अजमेर की टाडा कोर्ट का फैसला 29 फरवरी को आएगा, जिसे कल की तरह मनाया गया था. लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, सूरत और मुंबई की ट्रेनों में सिलसिलेवार बम धमाके हुए. मामले की सुनवाई अजमेर की टाडा कोर्ट में हुई. 570 गवाहों के बयान और दोनों पक्षों की दलीलों के बाद कोर्ट ने 23 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

तीन आतंकियों के खिलाफ आएगा फैसला

मामले का मुख्य आरोपी आतंकी अब्दुल करीम उर्फ ​​टुंडा, इरफान हमीमुद्दीन जेल में बंद है. एनआईए ने मामले की जांच करते हुए टुंडा को नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया था. उन्हें पिछले साल 24 सितंबर को उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद जेल से अजमेर लाया गया था. टुंडा लश्कर जैसे कुख्यात आतंकी गिरोह से जुड़ा था। 1985 में टोंक जिले की एक मस्जिद में जिहाद बैठक के दौरान अब्दुल करीम ने पाइप गन से फायरिंग की थी. इसी दौरान बंदूक के धमाके से उनका हाथ उड़ गया, तभी से उनके नाम के साथ टुंडा शब्द जुड़ गया.

टुंडा लश्कर-ए-तैयबा के संपर्क में था

उत्तर प्रदेश के हापुड जिले के पिलखुवा में रहकर अय्याशी का काम करने वाला टुंडा अपने रिश्तेदारों की हत्या का बदला लेने के लिए 1980 से आतंकवादी संगठनों के संपर्क में आया। इसी दौरान उसने पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई से ट्रेनिंग भी ली और लश्कर-ए-तैयबा के संपर्क में आ गया. उसके खिलाफ देशभर में 33 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें 40 बम धमाके भी शामिल हैं।

6 दिसंबर 1999 को देश के 5 बड़े शहरों में सीरियल ब्लास्ट हुए थे

6 दिसंबर 1993 को ट्रेन धमाकों के वक्त करीम टुंडा लश्कर का विस्फोटक विशेषज्ञ था. 1993 में टुंडा ने मुंबई के डॉक्टर जलीस अंसारी और उसके साथियों के साथ मिलकर ‘तंजीम इस्लाम उर्फ ​​मुस्लिम’ संगठन बनाया और बाबरी विध्वंस का बदला लेने के लिए मुंबई, लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद और सूरत में ट्रेनों पर बमबारी की। उन पर 1996 में दिल्ली में पुलिस मुख्यालय के सामने बम विस्फोट करने का भी आरोप है. इसके बाद देश की सुरक्षा एजेंसियों ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया. खास बात यह है कि साल 2001 में संसद पर हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से जिन 20 आतंकियों को प्रत्यर्पित किया था, उनमें टुंडा का नाम भी शामिल था.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button